
नई दिल्ली । कोरोना वायरस महामारी के दौर में मुस्लिमों की धार्मिक संस्थाएं मुसलमानों से अपील कर रही हैं। रमजान के मौके पर स्वास्थ्य विभाग की नसीहतों का पालन करने को कह रही हैं। इसके अलावा संस्थाएं मुसलमानों को इबादत के वक्त भी भीड़भाड़ करने से मना कर रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने रमजान को लेकर गाइडलान्स जारी की है। जिसमें रमजान के दौरान अहम बातों का ध्यान रखने को कहा गया है। डब्लूएचओ ने कहा कि रमजान के मौके पर सामाजिक और धार्मिक इजतिमा होता है। जिसमें एकट्ठे होकर रोजा खोलना, मस्जिद में इकट्ठा होकर तरावीह पढ़ना, महीने के आखिरी १०-१० दिन-रात में 'एतकाफ' (एकांत होकर इबादत) करना शामिल है। ये पारंपरिक कार्यक्रम पूरे महीने चलता रहता है। इस साल रमजान कोरोना वायरस महामारी के बीच पड़ रहा है। चूंकि लोगों के बीच संपर्क से वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। इसके प्रभाव को कम करने के लिए बहुत सारे देशों ने सोशल डिस्टेंसिंग लागू किया है। लिहाजा डब्लूएचओ गाइडलाइन्स जारी कर रमजान के मौके पर विशेष सावधानी बरतने की अपील कर रहा है।
1. अगर रमजान के लिए लिए कई लोगों को एक जगह जुटने की मंजूरी दी जाती है तो कोविड-19 के खतरे को कम करने के इंतजाम किए जाएं।
2. रमजान के दौरान एक -दूसरे के अभिवादन के लिए सीने पर हाथ रखने या सिर झुकाने जैसे व्यवहार को बढ़ावा दिया जाए।
3. कोविड -19 के लक्षणों वाले व्यक्तियों से रमजान के दौरान बाहर ना निकलने और लोगों से ना मिलने को कहा जाए।
4. अधिक उम्र के बुजुर्गों और गंभीर बीमारी वाले लोगों को रमजान में घरों में रहने पर जोर दिया जाए।
5. अगर किसी कारण रमजान के दौरान नमाज के लिए लोग इकठ्ठा होते भी हैं तो वुजू और नमाज के समय दूरी का ख्याल रखा जाए।
6. अगर मस्जिद में लोग इकठ्ठा होते भी हैं तो एक-एक कर दूरी बनाते हुए भीतर आएं।
7. सरकार की तरफ से रमजान में कोरोना को फैलने से बचाने के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
8. रमजान के सामाजिक और धार्मिक सामारोहों के संदर्भ में सूचनाएं साफ और स्पष्ट होनी चाहिए।