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भारतीय सेना की जबावी कार्रवाई से डरा पाकिस्तान, पीएम इमरान, राष्ट्रपति और आईएसआई चीफ ने की बैठक 

भारतीय सेना की जबावी कार्रवाई से डरा पाकिस्तान, पीएम इमरान, राष्ट्रपति और आईएसआई चीफ ने की बैठक 

इस्‍लामाबाद । नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की जबावी कार्रवाई से पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान परेशान हो गए हैं। भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद पीएम इमरान ने सोमवार को खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के साथ राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि तीनों के बीच बातचीत में भारतीय सेना के आक्रामक रुख का मुद्दा उठा। पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक तीनों के बीच मुलाकात के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, पीएम इमरान खान और राष्‍ट्रपति अल्‍वी ने घरेलू के साथ-साथ विदेशी मामलों में विचारों का आदान-प्रदान किया। सूत्रों के हवाले से बताया कि इस बातचीत में भारतीय सेना की आक्रामक कार्रवाई का मुद्दा प्रमुखता के साथ उठा। आईएसआई चीफ ने भी भारतीय सेना की कार्रवाई से पाकिस्‍तानी राष्‍ट्रपति को अवगत कराया।
दरअसल, सीमा पर पिछले दिनों भारतीय सेना ने पाकिस्‍तानी आतंकवादियों के घुसपैठ के एक प्रयास को विफल कर दिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने एलओसी पर स्थित आतंकवादियों के लांच पैड को नष्‍ट कर दिया था। इसके बाद दोनों ही ओर से भारी हथियारों से लगातार गोलाबारी हो रही है। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने शुक्रवार को कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आसपास सुरक्षा हालात की समीक्षा की थी। रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया के मुताबिक दो दिवसीय कश्मीर दौरे के दौरान नरवणे ने घुसपैठ रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों सहित नियंत्रण रेखा के आसपास के सुरक्षा हालात की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख ने उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और चिनार कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के साथ विभिन्न सैन्य ठिकानों और इकाइयों का दौरा किया।
कालिया ने बताया कि स्थानीय कमांडरों ने नरवणे को मौजूदा सुरक्षा हालात और आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख को संघर्ष विराम उल्लंघन, जवाबी कार्रवाई, घुसपैठ रोधी अभियान और ऐसे अभियानों की तैयारी के बारे में जानकारी दी गई। कालिया ने बताया कि बर्फ से ढंकी पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों से संवाद करते हुए सेना प्रमुख ने उनकी कड़ी निगरानी और सतर्कता की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि नरवणे सीमा पार से किसी भी दुस्साहसी कार्रवाई का कड़ा जवाब देने के लिए कमांडरों द्वारा की गई तैयारी से भी प्रभावित दिखे। 
 

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