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दुनियाभर के एयरपोर्ट पर खड़े 62 फीसदी विमानों को झेलनी पड़ रही कई तरह की अजीब चुनौतियां

दुनियाभर के एयरपोर्ट पर खड़े 62 फीसदी विमानों को झेलनी पड़ रही कई तरह की अजीब चुनौतियां

नई दिल्‍ली । दुनियाभर में लागू लॉकडाउन के कारण आपकों कहीं आना-जाना नहीं है, दुनियाभर में विमान सेवाएं ठप पड़ी है।एक रिपोर्ट के अनुसार विमानन सेक्टर की सलाहकार फर्म सिरिकम का मानना है कि दुनियाभर में 62 फीसदी विमान खड़े हैं। खड़े हैं का मतलब यहां नहीं निकालें कि पायलट साहब ने विमान को वहां खड़ा किया और अपने घर चलते बने। 
दरअसल इन दिनों दुनियाभर के हजारों विमानन इंजीनियर और तकनीशियनों का दिन पार्किंग में खड़े विमानों की देखभाल में बीत रहा है।इसतरह के स्टाफ की संख्या में 70 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है।रिपोर्ट के अनुसार हाईड्रोलिक्स चेक करने से लेकर इंजन चलाकर ये लोग देखते हैं कि विमान उड़ने की स्थिति में बना रहे। यहां तक कि विमान के अंदर के कारपेट साफ रहें, ताकि इसमें कीड़े आदि पैदा न होने पाएं। फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम में हल्की सी धूल भी विमान को उड़ने लायक स्थिति में नहीं छोड़ती है,इसकारण फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम की विशेष देखभाल होती है। हर दूसरे-तीसरे दिन विमान के फ्यूल टैंक को फुल किया जाता है, ताकि उसमें लुब्रिकेशन बना रहे। पूरी दुनिया में इस वक्त विमानन समुदाय गहरे संकट में है। कुल विमानों में से 62 फीसदी या 16000 विमान दुनियाभर के एयरपोर्ट पर खड़े कर दिए गए हैं। नई दिल्ली से लेकर अमेरिका के सबसे बड़े एयरपोर्ट नेवार्क तक में हजारों विमान खड़े हुए हैं। दुनियाभर की विमानन कंपनियों ने सस्ते से सस्ते पार्किंग की खोज की, जहां इन विमानों को खड़ा किया गया है।
विमान सबसे हाईटेक मशीन है और सही न रहने पर सैकड़ों लोगों की जिंदगी दांव पर लग जाती है। एयरोप्लेन को यों ही पार्क नहीं किया जा सकता है। 24 घंटे के अंदर ही खड़े विमान का हाईड्रोलिक सिस्टम जाम हो सकता है, या टायर जवाब दे सकते हैं। डी-फ्रीजिंग सिस्टम खराब हो सकता है या फ्यूल टैंक जाम हो सकता है। तमाम तरीके की अन्य दिक्कतें 24 घंटे में ही खड़े विमान में आ सकती हैं, जिसके कारण वह उड़ने की स्थिति में नहीं रह जाता है।  एयरपोर्ट खुली जगह में बनते हैं, जहां काफी संख्या में हमिंग बर्ड, कबूतर, गोरैया जैसे छोटे पक्षियों के साथ चील जैसे बड़े पक्षी भी होते हैं।इन पक्षियों को खड़े हुए विमान आकर्षित करते हैं। इंजन से लेकर हाईड्रोलिक्स तक में ये घोंसला बना लेती हैं या यूं ही रहने लगती हैं। मुंबई हो या फ्रैंकफर्ट, चिड़ियां खड़े विमानों के लिए समस्या हैं। टेक्निशियन की फौज इस चैलेंज से जूझती रहती है।
 

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