
बीजिंग । चीन द्वारा जनित जानलेवा महामारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा हैं और अब तक इस वायरस से लाखों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इन सबके बीच जो चिंता का सबसे बड़ा कारण है वो यह कि अभी तक इस वायरस की कोई वैक्सीन नहीं बनी है और कई देशों ने लॉकडाउन करके रखा है ताकि इसकी चेन को तोड़ा जा सके। हालांकि कई भारत समेत दुनिया के कई देश इस महामारी की वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। हाल ही में चीन में भी रेम्डेसिविर ड्रग का मरीजों पर ट्रायल हुआ।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ट्रायल फेल रहा। इस ट्रायल से जुड़ी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की साइट पर प्रकाशित की गई थी लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इसे हटा दिया था और कहा था कि गलती से यह रिपोर्ट अपलोड हो गई। यह ड्रग एक अमेरिकी फर्म गिलिएड साइंस की है। कई देशों को चीन की एंटी वायरल ड्रग रेम्डेसिविर ड्रग के ट्रायल को लेकर काफी उम्मीदें थी लेकिन मरीजों पर इस ड्रग का कोई असर नहीं दिखा। रिपोर्ट के मुताबिक, यह ट्रायल 237 मरीजों पर किया गया। इनमें से 158 को रेम्डेसिविर और बाकी 79 को प्लेसीबो दी गई। एक महीने बाद रेम्डेसिविर लेने वाले 13.9फीसदी मरीजों और प्लेसीबो लेने वाले 12.8फीसदी मरीजों की मौत हो गई। इस ड्रग के साइड इफेक्ट के चलते चीन में इसके ट्रायल को रोक दिया गया है। मालूम हो कि ब्रिटेन ने भी कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है, फिलहाल नतीजों का इंतजार है।