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कोरोना दर्द- यूरोप के बुजुर्गों के सामने नई परेशानी, संतानों ने भी मिलना छोड़ा, फोन से भी परहेज

कोरोना दर्द- यूरोप के बुजुर्गों के सामने नई परेशानी, संतानों ने भी मिलना छोड़ा, फोन से भी परहेज

लंदन । ब्रिटेन में कोरोना महामारी के चलते मानवी संवेदनाएं भी मरने लगी हैं इस महामारी के साइड इफेक्ट बुजुर्गों के लिए कुछ ज्यादा ही कष्टदायक हो गए हैं। यहां रहने वालीं 70 साल की एलेन येट्स के लिए यह वक्त मुश्किलों से भरा है। उन्हें फेफड़े, अस्थमा और गठिया जैसी बीमारी है। वह खुद से चलने-फिरने में भी सक्षम नहीं हैं। उनके पति माइकल ब्रिटेन के रॉयल पायनियर कॉर्प्स सोल्जर के सैनिक थे। 2004 में दिल का दौरा पड़ने, फिर ब्रेन हैंब्रेज की वजह से उनका स्वास्थ्य भी खराब ही रहता है। दोनों लोग एक ओल्ड एज होम में दूसरों की मदद के सहारे ही रहते हैं। लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से माइकल और उनकी पत्नी एलेन जैसे बुजुर्गों का संकट और बढ़ गया है। दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से यूरोप इस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित है। यहां देशों ने लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी लगा रखी है। इस कारण इनके बेटे-बेटियां भी इनका हाल जानने नहीं आ पा रहे हैं।
एक आंकड़े के अनुसार सिर्फ ब्रिटेन में ही चार लाख से अधिक लोग केयर होम में रहते हैं। यूरोपीय देशों में कोरोना का सबसे बड़ा कहर ओल्ड एज होम पर पड़ा है। इटली, फ्रांस, स्पेन और ब्रिटेन के इन ओल्ड एज होम में आधे से ज्यादा बुजुर्ग इस समय हॉस्पिटल में भर्ती  हैं। परिवार द्वारा निकाल दिए जाने के बाद वे इन ओल्ड ऐज होम में बची-खुची जिंदगी को जीने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कोरोना ने उन्हें अकाल मृत्यु की तरफ धकेल दिया। खाली हो रहे ओल्ड एज होम को देखकर वहां रह रहे अन्य लोग भावुक हो रहे हैं। ब्रिटेन के ही लिवरपूल के एक केयर होम में रहने वाले 64 में से 6 बुजुर्गों की मौत हो गई है, बाकी 44 लोग भी संक्रमण की वजह से हॉस्पिटल में हैं। केयर होम के कर्मचारियों ने कहा कि एक साथ इतने सारे बुजुर्गों का कोरोना पॉजिटिव मिलना बेहद डरावना था। एलेन बताती हैं कि हमने कभी इस तरह की उम्मीद नहीं की थी कि हालात इतने खतरनाक हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्टाफ की कमी के कारण हमें और परेशानियों का सामना करना पड़ा। लॉकडाउन के कारण बाहर अस्पतालों में ले जाने में भी दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि परिवार से निकाल दिए गए ये बुजुर्ग वैसे ही जीवन जीने की इच्छा खो देते हैं, जिसके बाद इन्हें जिंदगी की नई पारी खेलने के लिए प्रेरित किया जाता है। अब वायरस के कारण फिर कई बुजुर्ग डिप्रेशन का शिकार भी होने लगे हैं। 
 

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