
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देश में रोजगार की कमी को लेकर कहा कि जॉब की कमी नहीं है बल्कि डेटा का क्राइसिस है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित देश में कई विकासोन्मुखी काम किए हैं, ऐसे में जब काम हुए हैं तो फिर लोगों को रोजगार कैसे नहीं मिला होगा। इसके अलावा सीआरपीएफ के काफिले पर पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक का हवाला देते हुए शाह ने कहा कि अमेरिका और इजरायल के बाद भारत तीसरा देश है, जिसने अपने सैनिकों की शहादत का बदला लिया है। शाह ने एक इंटरव्यू में कहा, अब तक केवल दो देशों अमेरिका और इजरायल ने अपने सैनिकों की शहादत का बदला लिया था। पीएम नरेंद्र मोदी के कारण भारत तीसरा ऐसा देश बना, जिसने ऐसा किया।' वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या यह अब नई नीति है, शाह ने कहा, 'मेरा यह कहना है कि हम आत्मरक्षा के अपने अधिकार का पूरा उपयोग करेंगे। यह नहीं होगा कि कोई भी जो चाहे, हमारी सीमाओं पर करता रहे।' 14 फरवरी को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें सेना के 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद भारतीया एयर फोर्स के लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को नष्ट कर दिया था। शाह ने कहा कि 2019 का चुनाव इस बात का है कि देश की लीडरशिप कैसी हो। उन्होंने कहा, 'लोगों को तय करना है कि वे किस तरह की सरकार चाहते हैं। ऐसी सरकार जो आतंकवादियों को कुचलकर आतंकवादी हमलों का जवाब दे या ऐसी जो उनसे बात करे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा दमदार बहुमत हासिल करेगी और 2014 में जिन सीटों पर उसकी हार हुई थी, उनमें से कम से कम 50 सीटें पर जीत हासिल करेगी। शाह ने कहा, नेशनल इलेक्शन इस मुद्दे पर लड़ा जाना चाहिए कि कौन बेहतर राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है, कौन हमें एक मजबूत आर्थिक व्यवस्था दे सकता है। यह काम केवल नरेंद्र मोदी कर सकते हैं। शाह ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा का एक अहम वादा देश को दुनिया की टॉप तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने का है। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य इकनॉमी को टॉप फाइव में पहुंचाना है और अगले पांच सालों में इस दिशा में काम करते हुए इसे टॉप तीन में ले जाने का है। शाह ने कहा कि बेरोजगारी के आंकड़े से पिछले पांच सालों में हुए विकास की रफ्तार नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा, समस्या जॉब क्राइसिस की नहीं, बल्कि डेटा क्राइसिस की है। जब यह दुनिया में सबसे तेज ग्रोथ करने वाली अर्थव्यवस्था है, जब सड़कें और रेलवेज बनाने की रफ्तार पहले से दोगुनी है, जब हमने 8 करोड़ टायलेट, ढाई करोड़ घर और दो लाख रेल लाइनें बनाई हैं, एक लाख गांवों को जोड़ने वाला डिजिटल फाइबर नेटवर्क बनाया है तो ऐसा कैसे हो सकता है कि लोगों को रोजगार न मिले।