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लॉक डाउन : मानसिक स्वस्थ्य को बेहतर बनाने का अवसर 

लॉक डाउन : मानसिक स्वस्थ्य को बेहतर बनाने का अवसर 

देश-दुनिया के लिए परेशानी का कारण बने कोरोना वायरस ने लोगों को घर के अंदर ही रहने पर मजबूर कर दिया है।इस बीमारी के उपचार की विधियां उभरकर आ रही हैं और शोधों से नई-नई बातें पता चल रही हैं, लेकिन सही उपचार मिलने में अब भी वक़्त लगेगा।इसलिए इस वायरस से बचे रहने में ही रहना ही बेहतर है और इसके लिए भीड़-भाड़ से बचना और सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करना होगा। इस वायरस से बचाव के लिए डॉक्टर हमें घर में ही रहने की सलाह दे रहे हैं। यह सही है क्योंकि यदि हम बाहर के संक्रमण से बचे रहेंगे तो वायरस का खतरा काम रहेगा।
वायरस से बचे रहने के लिए सब घर में ही रहे, इसके लिए आज-कल दुनियाभर में लोगों को लॉकडाउन का पालन करना पद रहा है। लॉकडाउन के इन दिनों में लोग बरसों से भूले हुए अपने शौक पूरे कर रहे हैं। गीत-संगीत, गाना-बजाना, इंटीरियर डेकोरेशन, होम डेकॉर, फाइल मैनेजमेंट, मनपसंद किताबें पढ़ना, बच्चों के साथ मनोरंजक खेलना जैसे कई काम करते हुए अपने दिन बिता रहे हैं।
लॉकडाउन को लेकर देश-दुनिया में कई बातें हो रही हैं। कुछ लोग इसके पक्ष में हैं तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं। विरोध और समर्थन करने वालों के अपने-अपने विचार हैं। इसके बावजूद सभी इस बात पर सहमत हैं कि कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए घर में ही रहना चाहिए। इससे अपने और अपने परिवारजनों को स्वस्थ  और सुरक्षित रखा जा सकता है।
लॉकडाउन के इन दिनों का उपयोग यदि हम चाहें तो सूचना, शिक्षा, मनोरंजन से जुडी गतिविधियों के साथ ही अपने और परिवारजनों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। मानसिक स्वास्थय को बेहतर बनाने के लिए ध्यान, योग और मौन-साधना, जैसी गतिविधियों से जुड़ सकते हैं। इस बारे में भोपाल के मनोचिकित्सक डॉ विनय मिश्रा का कहना है कि इन दिनों ध्यान, प्राणायाम, मन साधना के लिए कई सारे कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध हैं। ये ऑनलाइन कौसे आर्ट ऑफ़ लिविंग, विपस्सना ब्रह्माकुमारी, गायत्री परिवार, आर्य समाज जैसी संस्थाओं की ओर से चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा मनोचिकित्सकों का मानना है कि लॉकडाउन  के समय कुछ नया सीखने से हमारा ध्यान लगा रहता है और कुछ नया सीखने से आत्मविश्वास पर भी प्रभाव पड़ता है। इससे नकारात्मक होने की संभावना कम होती है।ऐसे ही नई चीज़ें यूट्यूब, स्किलशेयर, यूडेमी, कोर्सेरा इत्यादि जैसी वेबसाइट से ऑनलाइन सीखी जा सकती हैं। इन ऑनलाइन कोर्स से जुड़कर लॉकडाउन के स्थिति में लोग अपने मानसिक शक्ति, एकाग्रता, शांति को बढ़ाया जा सकता है। इसी प्रकार के ऑनलाइन कोर्स विभिन्न सामाजिक संस्थाओं व धार्मिक संगठनों की ओर से फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सप्प इंस्टाग्राम के साथ ही विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
लॉकडाउन की इन दिनों में यदि कोई भी व्यक्ति अपने मन में किसी भी प्रकार का डर, आशंका, अथवा अनहोनी घटना की कल्पना से भयभीत हो तो उसे तत्काल मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इसके लिए भारत सर्कार के गृह मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर 1075 और 112 जारी किया है। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ने 104 और 181 टेलीफोन नंबर सार्वजनिक किये हैं जिनपर कोई भी व्यक्ति अपनी परेशानी बता सकता है। अनेक चिकित्सक व्यक्तिगत स्तर पर भी लोगों को मोबाइल पर निःशुल्क परामर्श दे रहे हैं। बॉम्बे साइकिएट्री सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष और हिंदुजा हॉस्पिटल मुंबई के मनोचिकित्सक डॉ केरसी चावड़ा फेसबुक पर मेंटल हेल्थ से जुड़े हुए सवालों का जवाब दे रहे हैं। भोपाल के बंसल हॉस्पिटल ने टेलीफोन नंबर 0755-4034116 , 0755-4277444 , 0755-6747016 पर मनोचिकित्सक डॉ सकत्याकांत त्रिवेदी मेन्टल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के समाधान बता रहे हैं।मेन्टल हेल्थ के बारे में सवालों के जवाब मनोचिकित्सक डी विनय मिश्रा से भी उनके मोबाइल नंबर 9425648065 पर प्राप्त किये जा सकते हैं। जो लोग लॉकडाउन के दिनों में किसी भी प्रकार का तनाव या जीवन के संकट का अनुभव कर रहे हैं, उनको राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थय संसथान की वेबसाइट या टोल फ्री नंबर 18666156464/18664158051 अथवा मोबाइल नंबर +91-4424640050 पर अवश्य संपर्क करना चाहिए।
(लेखक- अमिताभ पांडेय)

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