
वुहान। चीन में वुहान स्थित प्रयोगशाला में कोरोना वायरस को पैदा करने के दावों के बीच वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (डब्ल्यूआईवी) के प्रमुख ने इसे खारिज किया है। डब्ल्यूआईवी के प्रोफेसर और इसकी नेशनल बायोसैफिल्टी लैबोरेटरी के निदेशक युआन जमिंग ने कहा कि ये सभी दावे दुर्भावनापूर्ण हैं और इनका कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा, हम अभी तक नहीं कह सकते कि यह बीमारी कहां से पैदा हुई। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 अप्रैल को यहां तक कह दिया कि उनकी सरकार ने वुहान लैब में इस वायरस की उत्पत्ति की जांच का फैसला लिया है। हालांकि युआन ने ऐसे सभी आरोपों पर कहा कि सॉर्स-कोव-2 जीनोम के भीतर ऐसा कुछ नहीं है जिनसे संकेत मिलता हो कि यह वायरस मानव निर्मित है। उन्होंने लैब का बचाव करते हुए कहा कि डब्ल्यूआईवी का न तो इरादा था कि वह कोरोना वायरस डिजाइन करे और न ही इसे बनाने की उसकी क्षमता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) द्वारा व्यापक रूप से पढ़े जाने वाले एक वैज्ञानिक पत्र में इस सिद्धांत को हवा दी गई कि चीन ने यह वायरस लैब में पैदा किया है। इसमें यह भी कहा गया कि कोरोना वायरस का प्रोटीन एचआईवी पीडि़तों के साथ एक असमान समानता रखता है। युआन ने कहा, इस तरह की संक्रामक बीमारियां 70 फीसदी जानवरों से पैदा होती हैं।
चमगादड़ों के जीनोम पर भी नहीं किया प्रयोग
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के प्रमुख युआन ने उन धारणाओं को भी खारिज किया जिनमें कहा गया था कि प्रयोगशाला ने चमगादड़ों पर किए जा रहे अनुसंधान के दौरान गलती से चमगादड़ों के जीनोम से वायरस को फैला दिया है। उन्होंने कहा, हमने वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियों के साथ मानव और जंगली जानवरों के बीच निकट संपर्क के खतरों को देखा है। इसलिए हमारी प्रक्रियाएं सख्त हैं।