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 सूरज की किरणों से नहीं मरता कोरोना

 सूरज की किरणों से नहीं मरता कोरोना

वाशिंगटन । कई रिसर्च में हुए दावों के बाद अब वैज्ञानिकों ने सपष्ट कर दिया है कि सूरज की किरणों से कोरोना का असर कम होने या फिर उससे संक्रमित व्यक्ति को किसी भी तरह का फायदा होने का अभी तक कोई सबूत सामने नहीं आया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि फिजूल के दावों से बचें और अल्ट्रावॉयलेट किरणों, सफाई में इस्तेमाल होने वाली चीज़ं या फिर ब्लीच के इस्तेमाल से कोरोना ठीक होने की अफवाहों पर ध्यान न दें। वैज्ञानिकों की एक टीम ने इन सभी दावों की पड़ताल की और इन सभी को फिलहाल ख़ारिज कर दिया है। स्टेनफॉर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर डीन विंस्लो ने स्पष्ट कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सूरज की किरणों और सफाई के लिए उपयोग में आने वाली चीजों और ब्लीच से कोरोना का इलाज संभव है, या फिर इनसे कोई फायदा भी हो रहा हो। उन्होंने कहा न तो धूप के भरोसे रहें और कृपा करके ब्लीच या लाइजॉल बिलकुल न पिएं, इससे आपके शरीर को काफी नुकसान हो सकता है।
सूरज की किरणों से इलाज का दावा झूठा
डॉ. डीन विंस्लो के अलावा कनेटिकट यूनिवर्सिटी के इकोलॉजिकल मॉडलर्स की एक स्टडी के मुताबिक अल्ट्रावॉयलेट लाइट से किसी भी सर्फेस पर मौजूद वायरस में कमी आती है ये कोई नई बात नहीं है। हालांकि ये दावा नया नहीं है बस दिक्कत यही है कि मेडिकल क्षेत्र के मुताबिक इसकी न तो समीक्षा की गयी है और न ही इसके पक्ष में ठोस सबूत मौजूद हैं। हालांकि एक्सपट्र्स कहते हैं कि सोराइसिस और कुछ लिंफोमास जैसी स्किन प्रॉब्लम्स का यूवी लाइट के जरिए इलाज किये जाने के दावे सामने आए हैं। हालांकि डॉक्टर विंस्लो कहती हैं सूरज की किरणों से सांस से जुड़ी किसी परेशानी या रोग के इलाज के बारे में सोचना काफी बड़ी बेफकूफी है।
ब्लीच और लाइजॉल भी इलाज नहीं
ओक्लाहोमा सेंटर फॉर पॉयजन एंड ड्रग इनफर्मेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर स्कॉट शैफर कहते हैं कि ब्लीच या दूसरे डिसइंफेक्ट सिर्फ सतहों के लिए बने होते हैं। इनका उपयोग इंसान के शरीर पर नहीं हो सकता। पीने पर तो ये आपके शरीर की कोशिकाओं को गला सकते हैं और इसके काफी बुरे नतीजे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सफाई के उपयोग में आने वाली चीजों पर सावधानी लिखी होती है कि इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें, यह खतरनाक है। बता दें कि गुरुवार को हुई ब्रीफिंग में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टाफ को घर की सफाई करने वाली चीजों के मेडिकल उपयोग की सलाह दी थी। हालांकि बाद में उन्होंने इसे मजाक बता दिया लेकिन तब तक न्यूयॉर्क में 30 से ज्यादा लोगों के ब्लीच और लाइजॉल पीने की घटनाएं सामने आ चुकीं थीं ।  
 

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