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सन 2020 बार बार रुला रहा है फिल्मी दुनिया को!  इरफ़ान के बाद ऋषि कपूर का निधन

सन 2020 बार बार रुला रहा है फिल्मी दुनिया को!  इरफ़ान के बाद ऋषि कपूर का निधन

भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री को न जाने किसकी नजर लग गई,जो सन 2020 उसके लिए बार बार रुदन का कारण बन रहा है।एक दिन पहले रंगमंच का मजा हुआ कलाकार और फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने शानदार अभिनय से सबको अपना बना लेने वाले अभिनेता इरफ़ान खान का मात्र 54 वर्ष की आयु में निधन और अब कपूर खानदान के सदाबहार फ़िल्म अभिनेता ऋषि कपूर के निधन ने फ़िल्म इंडस्ट्री ही नही बल्कि देश दुनिया को आहत कर दिया है।एक दिन के अंतर पर दो महान फ़िल्मी हस्तियों की मौत पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का दुःख के सागर में डूबकर टूट सा जाना स्वाभाविक ही है।
अभिनेता ऋषि कपूर  ने 67 साल की उम्र में  मुंबई के सर एच एन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में 30 अप्रैल की सुबह अंतिम सांस ली । वह पिछले 2 साल से कैंसर की जानलेवा बीमारी से जूझ रहे थे। ऋषि कपूर के भाई रणधीर कपूर ने बताया  कि ऋषि कपूर को सांस लेने में तकलीफ थी।इरफान खान की मौत के दूसरे दिन ऋषि कपूर का जाना पूरे देश दुनिया के लिए दुःख की बात है।
 ऋषि कपूर  आखिरी समय तक उनका इलाज कर रहे चिकित्सको व  नर्सिंग स्टॉफ मनोरंजन करते रहे थे। वह  इलाज के दौरान हमेशा खुश रहे और जिंदगी को पूरी तरह से जीने के लिए उत्साहित रहे। परिवार, दोस्त, खाना और फिल्में ही उनके टाइम पास का साधन होता था , जो भी उनसे इस दौरान मिलता वह हैरान रह जाता।उनकी जीवटता देखने लायक थी। वह चाहते थे कि उन्हें मुस्कुराहट के साथ याद किया जाए न कि आंसुओं के साथ। aअभिनेता ऋषि कपूर दिल्ली में 'शर्माजी नमकीन' की शूटिंग के दौरान बीमार हो गए थे। इसके बाद उन्हें मुंबई के हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था।  उन्हें कैंसर रीलैप्स  हुआ था। 
दिल्ली में प्रदूषण के कारण उन्हें इनफेक्शन होने पर   वायरल फीवर हुआ , कैंसर के फिर से हो जाने की बात सामने आई। उन्होंने दिल्ली में 18 दिन शूटिंग की थी। इसी दौरान दिल्ली प्रदूषण होने से उन्हें इनफेक्शन हो गया था।
कैंसर की जानलेवा बीमारी के दौरान उनकी पत्नी व पूर्व अभिनेत्री नीतू कपूर हर  पल उनके साथ खड़ी रही। नीतू कपूर एक दिन के लिए भी ऋषि कपूर से दूर नहीं रहीं।इसके साथ ही रणबीर कपूर ने अपने पिता और पूरे परिवार को संभालने में मदद की ।रणबीर कपूर  अधिकांश शूटिंग साइट पर रहते थे, वहीं एक दिन का भी समय मिलने पर सीधे पापा ऋषि कपूर के पास पहुंच उनकी देखभाल के लिए पहुंच जाते थे। ऋषि कपूर ने न्यू यॉर्क से लौटने के बाद  फ्रेंच फिल्म 'द बॉडी' आधारित हिंदी फिल्म 'द बॉडी'में काम किया था।इस फिल्म में उनके साथ इमरान हाशमी और शोभिता धुलिपाला मुख्य भूमिकाओं में थे लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हुई ।
बॉलीवुड में प्रभावशाली कपूर खानदान के चिराग ऋषि कपूर ने अपने परिवार के नक्शे कदम पर चलकर फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाई।सन 1973 में फिल्म बॉबी के साथ उन्होंने बॉलीवुड में जोरदार एंट्री की और तब से लेकर आजतक वह हर किसी के दिलों पर राज करते रहे। सन 1973 से पहले, सन 1970 में राजकपूर की ही फिल्म मेरा नाम जोकर में ऋषि कपूर ने एक बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी।
ऋषि कपूर का जन्म 4 सितंबर 1952 को हुआ था।उन्होंने बॉबी, द बॉडी, प्रेम रोग, 102 नॉटऑउट, मुल्क समेत सैकड़ों  फिल्में की।  ऋषि कपूर एक फ़िल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता और निर्देशक थे। उन्हें बॉबी के लिए सन 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और सन 2008 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्राप्त किया । उन्होंने उनकी पहली फ़िल्म में शानदार भूमिका के लिए 1971 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार भी मिला।
 वह अभिनेता-फिल्म निर्देशक राज कपूर  पुत्र थे।उन्होंने कैंपियन स्कूल, मुंबई और मेयो कॉलेज, अजमेर में अपने भाइयों के साथ अपनी स्कूली शिक्षा की। उनके भाई रणधीर कपूर और राजीव कपूर; मातृ चाचा प्रेम नाथ और राजेंद्र नाथ; और पैतृक चाचा, शशि कपूर और शम्मी कपूर सभी अभिनेता रहे हैं। उनकी दो बहनें रितु नंदा और रिमा जैन हैं।
ऋषि कपूर स्‍वर्गीय प्रूथ्‍वीराज कपूर के पोते थे।  उन्‍होने  अपने दादा और पिता के नक्‍शे कदम पर चलते हुए फिल्‍मों को ही अपना कैरियर बनाया और  एक सफल अभिनेता के रूप में सामने आए।  ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी 22 जनवरी सन1980 में हुइ थी।ऋषि कपूर के दो संतानें है जिनमे रणबीर कपूर जो की एक अभिनेता है और रिदीमा कपूर जो एक ड्रैस डिजाइन है। करिश्मा कपूर और करीना कपूर इनकी भतीजियां हैं।
वर्ष 1970 में प्रदर्शित बॉबी फिल्म में ऋषि कपूर ने 14 वर्षीय लड़के की भूमिका निभाई ,जो अपनी शिक्षिका से प्रेम करने लगता है। अपनी इस भूमिका को ऋषि कपूर ने इस तरह निभाया कि दर्शक भावविभोर हो गये। युवा प्रेम कथा पर बनी इस फिल्म में उनकी नायिका की भूमिका डिंपल कपाडिया ने निभायी थी। बतौर अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया की भी यह पहली ही फिल्म थी। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म “खेल खेल में” की कामयाबी के बाद ऋषि कपूर बतौर अभिनेता अपनी खोई हुयी पहचान बनाने में कामयाब हो गये। कॉलेज की जिंदगी पर बनी इस फिल्म में उनकी नायिका की भूमिका अभिनेत्री नीतु सिंह ने निभाई थी।
फिल्म “खेल खेल में” की कामयाबी के बाद ऋषि कपूर और नीतु सिंह की जोड़ी दर्शकों के बीच काफी मशहूर हो गयी थी। बाद इस जोड़ी ने रफूचक्कर, जहरीला इंसान, जिंदादिल, कभी-कभी, अमर अकबर एंथनी, अनजाने, दुनिया मेरी जेब में, झूठा कहीं का, धन दौलत, दूसरा आदमी आदि फिल्मों में युवा प्रेम की भावनाओं को अनूठे रूप में प्रस्तुत किया । वर्ष 1977 में प्रदर्शित फिल्म “अमर अकबर एंथनी” ऋषि कपूर के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में एक है। अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना जैसे मंझे हुये कलाकारो की मौजूदगी में भी उन्होंने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को दीवाना बना दिया था।
वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म “कर्ज” उनकी सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। सुभाष घई के निर्देशन में पुनर्जन्म पर आधारित इस फिल्म में उन पर फिल्माया यह गीत “ओम शांति ओम” दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत से जुड़ा दिलचस्प तथ्य यह है कि इसे कोलकाता के नेताजी सुभाषचंद्र स्टेडियम में फिल्माया गया था। वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म “चांदनी” ऋषि कपूर अभिनीत महत्वपूर्ण फिल्म है।
लेकिन लगता है कि इस साल में बॉलीवुड ग्रहण के अंधकार में उलझ गया है। सन 2020 के पहले दो महीने में कुल 40 फिल्में प्रदर्शित हुईं, लेकिन उनमें से  अजय देवगन की 'तानाजी' ही करीब 280 करोड़ रुपए का नेट बिजनेस करके हिट का तमगा पहन पाई है। बाकी  सभी फिल्में फ्लॉप होकर धराशायी हो गई।
फिल्मों के इस ठंडे बाज़ार में बॉलीवुड को विश्वास था कि मार्च 2020 में बॉक्स ऑफिस पर जरूर सफलता मिलेगी।लेकिन कोरोना वायरस के भारत में भी पाँव पसारने से सारे समीकरण ध्वस्त होकर रह गए हैं।
 यूं तो पहले ही काफी लोगों ने थिएटर में जाकर फिल्में देखना कुछ कम कर दिया था। लेकिन अब कोरोना से सुरक्षा के चलते फिल्मों की शूटिंग बंद होने के साथ, देश के कई राज्यों में सिनेमाघर बंद होने से तो फिल्म व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया है। जम्मू, कश्मीर, केरल, दिल्ली, कर्नाटक, ओड़ीसा, बिहार, हरियाणा, पंजाब, असम, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के साथ फिल्म नगरी मुंबई और महाराष्ट्र के पुणे, नागपुर सहित अनेक शहरों में थिएटर्स बंद हो गए है।
अभी तक भारत में सिनेमाघर बंद होने से करीब करीब 70 प्रतिशत स्क्रीन्स प्रभावित हो गयी हैं। इससे सबसे बड़ा पहला नुकसान दो फिल्मों 'अँग्रेजी मीडियम' और 'बागी-3' को हुआ है।
(लेखक- डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट)

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