
रियाद । कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। सारे कारोबर लगभग ठप पड़ गए हैं। ऐसे में सऊदी अरब के वित्तमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई 'सख्त और तकलीफदेह' कदम उठाने के संकेत दिए हैं।
वित्त मंत्री मोहम्मद-अल-जदान ने कहा है कि इन मुश्किल हालात से लड़ने के लिए सारे विकल्प खुले हैं। अल-जदान ने कहा कि बजट में खर्चे को कम किया जाएगा। उन्होंने कहा इसका असर अगले साल की दूसरी तिमाही से दिखना शुरू हो जाएगा। जदान ने कहा सऊदी की इकॉनमी को ज्यादा अनुशासन की आवश्यकता है और आगे की राह लंबी है। खर्च कम करने के लिए मेगा-प्रोजेक्ट सहित सरकारी परियोजनाओं को धीमा किया जाएगा।
कच्चे तेल की कीमतें इन दिनों सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक सऊदी को इन दिनों भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लिहाजा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की तरफ से शुरू किए गए आर्थिक सुधारों की गति और पैमाने पर अंकुश लगने की संभावना है। सऊदी अरब का केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा भंडार मार्च में पिछले 20 सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।
2011 के बाद से ये अपने सबसे कम स्तर पर है, जबकि कच्चे तेल से कमाई घटने के चलते पहली तिमाही में नुकसान 9 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। सऊदी अरब में कोरना वायरस से अब तक 25 हज़ार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। यहां अब तक 176 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3765 लोग ठीक होकर वापस घर जा चुके हैं। हालांकि चिंता की बात ये है कि संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।