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महामारी.....महाहत्यारी कोरोना प्रसार के दोषी चीन को दुष्परिणाम भुगतने होगें...। 

महामारी.....महाहत्यारी कोरोना प्रसार के दोषी चीन को दुष्परिणाम भुगतने होगें...। 

पूरी दुनिया को नारकीय श्मशान में बदलने वाले चीन की आज हर कहीं भर्त्सना हो रही है, उसने अपने वुहान शहर की प्रयोगशाला से कोरोना वायरस विकसित कर उसे गोपनीय रखा और जब वह आज पूरे विश्व के 184 देशों में फैल गया और कई लाख लोग उसके शिकार हो गए तब अब वह दूसरे देशों पर दोषारोपण कर रहा है, चीन ने दिसम्बर 2019 में इस करतूत को पैदा किया था, और उसे इस वायरस के दुष्परिणामों का पता 14 जनवरी को चल गया था, किन्तु उसने इस बारे में 20 जनवरी तक मौन साधे रखा और जब उसी के अपने देश में इस वायरस से लाखो लोग जिंदगी और मौत के बीच झूलने लगें, तब उसने इस वायरस भयावकता उजागर की,14 से 20 जनवरी के बीच वुहान में ही उसने एक बडा विश्वस्तरीय समारोह आयोजित किया जिसमें पूरे विश्व के प्रतिनिधियों ने शिरकत की, बे वापसी में यह वायरस अपने साथ ले गए और इस तरह यह वायरस चंद घंटो में ही विश्व के सौ से अधिक देशों में पहुच गया, और आज इस वायरस ने पूरे विश्व को मुर्दाघर में परिवर्तित कर दिया है। चीन का यह कपट बाद में तब और उजागर हुआ जब इस वायरस को पैदा करने वाली वैज्ञानिको की टीम का मुखिया वैज्ञानिक स्वंय इस वायरस से ग्रसित होकर स्वर्ग सिधार गया और उसकी खबर किसी को भी कानो कान नही होने दी गई, साथ ही उन दो पत्रकारों को भी गायब करवा दिया गया जो इस वायरस के जन्म की कथा उजागर करने वाले थे, और अब जबकि अमेरिका, फांस आदि देशों ने चीन जाकर इस सम्पूर्ण घटनाक्रम की जांच का फैसला लिया तो चीन ने इन दोनो देशो की जॉच टीमो के लिए अपने देश के दरवाजे बंद कर दिए। 
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि इस कोरोना वायरस ने चीन में तो करोडो लोगो को मार ही डाला, जिसे चीन अभी भी छुपा रहा है, इसके बाद सबसे अधिक नरसंहार महानशक्तिशाली देश अमेरिका का हुआ जहॉ मौत का आंकडा एक लाख को छूने जा रहा है। इसीलिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड टंप काफी गुस्से में है और आए दिन चीन पर घातक प्रहार कर रहे है, जिसे चीन काफी हल्के से ट्रंप पर आरोप लगाकर ले रहा है। और टंप के प्रहार को उनके चुनाव से जोड रहा है। जबकि वास्तविकता यही है कि चीन स्वंय अपनी गलती समझ रहा है, अब धीरे-धीरे यह वायरस पूरी दुनिया को अपनी चपेट मे ले रहा है और प्रतिदिन पूरे विश्व में हजारो लोगो की मृत्यू हो रही है।  
यह तो हुई इस महामारी की त्रासदी से हुई मानवक्षति की बात। अब यदि हम इस वायरस के कारण विश्व भर में हुई आर्थिक क्षति की बात करें तो उसकी तो कल्पना भी नही की जा सकती, जब अकेले भारत में इस वायरस के प्रसार से बंद हुए कारोबारो से हुए घाटे का आंकडा कई लाख करोड तक पहुच गया है तो फिर विश्व की महाशक्ति अमेरिका, फ्रांस, स्पैन, इटली आदि देशो को कितनी आर्थिक क्षति वहन करना पड रही है। इस क्षति का भी एक मात्र दोषी यदि कोई है तो वह चीन ही है। स्वंय चीन का व्यापार व उसकी आर्थिक गति लडखडा गई थी, जो अब धीरे-धीरे वापस पटरी पर आ रही है। किन्तु अब समय की सबसे बडी आवश्यकता यह है कि पूरे विश्व को चीन से हर तरह के संबंध विच्छेद कर लेना चाहिए और अमेरिका ने तो इसकी शुरूआत कर चीन से व्यापारिक संबंध खत्म कर भारत के साथ जोडने की पहल शुरू कर दी है। ऐसा ही विश्व के अन्य कोरोना प्रभावित देशों को भी करना चाहिए, चीन जब पूरी दूनिया में अलग-थलग पड जाएगा और उसके पाले में कोई देश नही होगा, तब उसकी अक्ल ठिकाने पर आएगी, आज चीन को सबक सिखाने का यही एक मजबूत विकल्प है, साथ ही विश्व स्तर पर चीन की तोहीन भी करना चाहिए, क्योंकि वह अब इसी लायक रह गया है।  
(लेखक- ओमप्रकाश मेहता)

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