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अरब सागर में दिख रही जहरीली 'समुद्री चमक' चिंता का विषय, 15 करोड़ लोगों के भोजन पर संकट 

अरब सागर में दिख रही जहरीली 'समुद्री चमक' चिंता का विषय, 15 करोड़ लोगों के भोजन पर संकट 

लंदन । दक्षिण एशिया के करोड़ों इंसानों के लिए भोजन का साधन अरब सागर इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है। अंतरिक्ष से द‍िख रही अरब सागर की जहरीली 'समुद्री चमक', दक्षिण एशिया के 15 करोड़ लोगों के लिए बड़ा संकट है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ताजा शोध से पता चला है कि हिमालय की बर्फ पिघलने से अरब सागर में बड़े पैमाने पर जहरीला हरा शैवाल ('समुद्री चमक') फैल रहा है। भारत, पाकिस्‍तान और खाड़ी देशों के तटों पर फैल यह शैवाल इतना विशाल है कि अंतरिक्ष से भी आसनी से देखा जा सकता है। नासा की ओर से जारी की गई तस्‍वीरों से पता चलता है कि समुद्र में पाया जाने वाला शैवाल अरब सागर के तटीय इलाके में बहुत तेजी से पैर पसार रहा है।इस समुद्री चमक' भी कहा जाता है। रात में यह शैवाल काफी चमकता है। यह एक मिलीमीटर का होता है और यह तटीय इलाके के पानी में आसानी से जिंदा रह सकता है। यह हरा शैवाल समुद्र में अपना मोटा छल्‍ला बना रहा है,इसकारण यह अंतरिक्ष से भी दिखाई देता है। समुद्र की चमक कहा जाने वाले इस शैवाल के बारे में 20 साल पहले तक सुना नहीं गया था।
हालांकि यह शैवाल अब बहुत तेजी से भारत, पाकिस्‍तान और अन्‍य खाड़ी देशों के तटों पर पैर पसार रहा है। शैवाल की वजह से प्‍लवकों के लिए संकट पैदा हो गया है जो अरब सागर में फूड चेन में काफी अहम भूमिका निभाते हैं। इस जहरीले शैवाल की वजह से अरब सागर में मछलियों के अस्तित्‍व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दक्षिण एशिया में इन्‍हीं मछलियों पर 15 करोड़ लोग भोजन के लिए निर्भर हैं। शोधकर्ताओं ने कहा है कि हिमालय और तिब्‍बत के पठार पर लगातार कम होती बर्फ से अरब सागर में समुद्र की सतह लगतार गरम हो रही है। इसकी वजह से यह शैवाल बहुत आसानी से तटीय इलाकों में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आमतौर पर हिमालय से आने वाली ठंडी हवाओं की वजह से अरब सागर की सतह ठंडी हो जाती थी लेकिन बर्फ के प‍िघलने से यह कम हो रहा है। 
 

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