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विश्व विनाशक खतरा........?  कोरोना से बच गए तो क्या, महायुद्व से नही बचोगे...

विश्व विनाशक खतरा........?  कोरोना से बच गए तो क्या, महायुद्व से नही बचोगे...

पूरा विश्व आज कोरोना से जूझ रहा है, बताया जा रहा है कि विश्व के भारत सहित कई देश इस महामारी का निरोधक टीका या वैक्सिन की खोज भी कर रहे है, किन्तु अब यह महसूस किया जाने लगा है कि एक बार कोरोना से बच भी गए तो विश्वयुद्व की विभीषिका से नही बच पाओगे, क्योकि विश्व युद्व बचाव का टीका या वैक्सिन कोई नही खोज रहा है, यह विश्व युद्व की स्थिति रूस,चीन, और उत्तर कोरिया पैदा कर रहा है, और चूकि ये तीनो देश मौजूदा महाशक्ति अमेरिका के खिलाफ है, इसलिए अमेरिका भी उसी हिसाब से अपनी तैयारियों में जुट गया है, अब यदि संयुक्त राष्ट्र संघ या किसी अन्य उच्च स्तरीय अन्तर्राष्ट्रीय संगठन ने इस भावी महायुद्व से बचाव का टीका या वैक्सिन नही खोजा तो फिर महायुद्व से विश्व के विनाश को कोई नही रोक सकता और फिर वह विनाश भी अकल्पनीय होगा। 
वास्तव मे आज पूरा विश्व एक ऐसे विनाश के कगार पर खड़ा है, जो 1942 के द्वितीय विश्व युद्व से भी भयानक दृष्टिगोचर हो रहा है। चीन ने जहॉ कथित रूप से कोरोना वायरस पैदा कर पूरे विश्व के सामने अघोषित युद्व प्रारंभ कर दिया, जिसमे अब तक कई लाख अपनी जिंदगी से हाथ धौ बैठे है, पूरा विश्व उससे जूझ रहा है इसी कारण अमेरिका चीन का दुश्मन ’नम्बर वन‘ बन चुका है, वहीं इसी संक्रमण के दौर में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उनने तीन सप्ताह गायब रहकर विश्वयुद्व की तैयारियां मुकम्मल करली, अमेरिका उत्तर कोरिया के तानाशाह जोंग का कटटर दुश्मन है ही, उधर रूस ने भी दुनिया के सबसे बड़े बम का डिजाईन तैयार किया जो 25 मीटर लम्बा और एक सौ टन वजनी है, यह बम पल भर में समूचे विश्व में तबाही मचा सकता है। यह बम रूस की नौसैना को सौंपा जा चुका है। सोवियत रूस द्वारा निर्मित इस विशाल बम मिसाईल का परीक्षण भी किया जा चुका है, इसकी मारक छह हजार कि.मी. है तथा यह समुद्व की सतह से तीन हजार मीटर नीचे रखा जाता है, इसे समुद्व में डालने के लिए विशेष विशालकाय जहाज बनाया गया है। इसका नाम स्क्रिप मिसाईल दिया गया है वास्तव में जब इस मिसाईल की विनाशक खतरो ने ही पूरे विश्व में तहलका मचा दिया है तो इसके उपयोग पर विश्व के तटीय देशों का क्या होगा ? कुछ नही कहा जा सकता। अब जहॉ तक उत्तरी कोरिया के तानाशाह जोंग का सवाल है, ऐसा माना जाता है कि उसका तीन सप्ताह का अज्ञातवास काफी रहस्यमयी था, उसने अपने प्रथम दुश्मन दक्षिण कोरिया को पूरी तरह खत्म करने की खतरनाक योजनाऍ तैयार की है, उसने अपने उजागर होने के दिन एक फर्टीलाईजर फैक्ट्री का उदघाटन किया जो कहने को ’ फर्टीलाईजर फैक्ट्री‘ है किन्तु वह परमाणु शस्त्रों की फैक्ट्री है, जहॉ परमाणु से जुडे बहुत खतरनाक हथियार तैयार होगे। जोंग के प्रकट होते ही उत्तरी व दक्षिणी कोरिया की सीमा पर हवाई हमले व फायरिंग शुरू हो गई है और दिनोंदिन जोंग दक्षिणी कोरिया के लिए अधिक खतरनाक होता जा रहा है। 
चूंकि अमेरिका शुरू से ही दक्षिणी कोरिया का संरक्षक रहा है इसीलिए उत्तर कोरिया का तानाशाह जोंग उन भी अमेरिकी राष्ट्रपति टंप का ’दुश्मन नम्बर वन‘ बन गया है इसी कारण पिछले कुछ सालों में अमेरिका व उत्तरी कोरिया के बीच तनातनी भी बढ गई है, चूंकि चीन व रूस अघोषित रूप से जोंग उन के सहयोगी-समर्थक रहे है, इसीलिए यह संभावना व्यक्त की जाने लगी है कि अगला विश्व युद्व अमेरिका व व उसके सहयोगी देशो के साथ रूस-चीन व उत्तरी कोरिया के बीच होगा और चूंकि चीन भी परमाणु अस्त्र-शस्त्रो में किसी से भी पीछे नही है, इसलिए अगला विश्व युद्व तोप-तलवारों से नही बल्कि परमाणु बमो से होगा और उनसे विश्व का कितना हिस्सा तवाह हो जाएगा, कुछ भी नही कहा जा सकता, इसलिए विश्व स्तर का कोई तो ऐसा संगठन हो जो संभावित विश्व युद्व की विभीषिका को रोक सके ? क्योंकि अब राष्ट्रसंघ तो अपनी अहमियत खो चुका है, इसलिए पूरे विश्व के भविष्य को लेकर गहन चिंता व्यक्त की जा रही है।  
(लेखक-ओमप्रकाश मेहता )

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