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’यह कैसी मानसिकता’  

’यह कैसी मानसिकता’  

देश का जनमानस तबलीगी जमात से बहुत हद तक परिचित हो चला है। स्थित यह है कि दिल्ली के निजामुद्दीन में बना इसका मुख्यालय भी अवैध है। यहाॅ तक कि इसमें पुराने जमाने की तरह सुरंग भी बनीं है, ताकि किसी ऐसी स्थिति में चोर दरवाजे से निकला जा सके। इसके एक ओर जहाॅ हवाला कनेक्शन सामने आया है, वहीं रोहिग्यों से भी संबंध सामने आया है। इसका मुखिया मो0 साद महीनों से फरार चल रहा है, और पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। इस संगठन के कई आतंकवादी वारदातों में भी नाम सामने आया है। पर अब जमात द्धारा देश में जानबूझकर जिस ढंग से कोरोना महामारी फैलाई गई, और फैलाने का क्रम यथाशक्ति जारी है, इसका उदाहरण इतिहास में शायद ही और मिले।  
सरकारी सूत्रों के अनुसार असम में कोरोना संक्रमितों में 91 प्रतिशत , तमिलनाडु में 84 , तेलंगाना में 79, दिल्ली में 63,म0प्र0एवं आन्धप्रदेश में 61,उत्तरप्रदेश में 59 अंडमान में 83 प्रतिशत जमात से जुड़े लोग हैं। इस तरह से कुल संक्रमितों में 30 प्रतिशत जमात से जुड़े हुये हैं। तवलीगी जमात से जुड़े कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 5000 से ऊपर बताई जाती है। तबलीगी जमात से जुड़े 45 हजार से ज्यादा लोगो को अब तक क्वारंेटाइंन किया जा चुका है।  स्थिति की भयावहता यह है कि अहमदाबाद में संक्रमित लोगो में 75 प्रतिशत जमातियों के कारण संक्रमित हुए। कानपुर जैसी जगह में तो मदरसों में पढ़ने वाले सैकड़ों की तादाद में बच्चे भी संक्रमित हो गए,क्योंकि उन्हे तबलीगी जमात के लोग तामील देने गए थे। तामील तो जो दिए, पर उनके जीवन को गहरे संकट में ड़ाल दिया। जयपुर के रामगंज में एक जमाती 400 लोगों को संक्रमित कर दिया तो नागपुर में 1200 लोग एक जमाती के चलते संक्रमण के दायरे में आ गए हैं। स्थिति की भयावहता यह कि ऐसा माना जा रहा है कि अब भी विदेशों से आए 40 की संख्या में जमाती छिपे हुए हैं और इस तरह से वह सयास देश में महामारी फैला रहे हैं।
यह तो तस्वीर का एक पहलू है कि तबलीगी जमात द्धारा देश में कोरोना महामारी फैलाने में अहम योगदान रहा। परन्तु स्थिति यह है इससे संबंधित निजामुद्दीन मरकज से जुड़े कई जमाती अब भी छिपे हुये हैं, उन्होंने अपने मोबाइल बंद कर लिए हैं, जिसके कारण उन्हें तलाशना एक बड़ा दुरूह कार्य हो गया है। लेकिन इनके छिपने का अर्थ यह कि यह कोरोना -वाहक का काम कर रहे हैं, और इस तरह से पता नहीं कितने लोगो को कोरोना से संक्रमित कर रहे हैं। पुष्ट सूत्रों का तो यहाॅं तक कहना है कि रोहिग्यिा मुस्लिम, जिन्हें बहुत लोग मानवता के आधार पर भारत में शरण देने की बाते करते हैं, और वह देश में विगत दिनों कई हिंसात्मक और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं, उनका भी तबलीगी जमात से कनेक्शन सामने आया है। यानीं कि निजामुद्दीन मरकज के जलसे में वह भी शरीक हुए थे, पर शरीक होने के पश्चात यह लौट कर कहाॅ गए,रता-पता नहीं है। सरकारी एजेंसियों को ऐसे इम्पुट मिले हैं कि जमात प्रमुख मो0 साद के निर्देश पर यह कोरोना कैरियर के काम में संलग्न हैं। इधर ऐसी भी खबरें मिल रही हैं कि पाकिस्तान भी कोरोना संक्रमित आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने को प्रयासरत है। ताकि भारत में तबाही का मंजर इस तरह से ढ़ाया जा सके। इसके पहले नेपाल से ऐसी खबरें आई थीं, कि वहाॅ पर मस्जिदों में छिपे कुछ लोग सीमावर्ती बिहार में घुसपैठ कर कोरोना फैलाने के प्रयास में हैं।
तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि देश जिन्हें कोरोना-योद्धा कहकर सम्मानित कर रहा है, जिनमें डाक्टर, नर्स, सफाई-कर्मी से लेकर पुलिस तक शामिल है, उनके साथ देश के कई हिस्सो में एक समुदाय द्धारा हिंसक वारदातें की गई। इसमें बरेली, मेरठ, गाजियाबाद, मुरादाबाद, इंदौर , टोंक से लेकर राजस्थान,बिहार एवं बंगाल की भी कुछ जगहें शामिल हैं। यद्यपि पहले भी जमात से जुड़े लोगो की अवांछनींय हरकते भी सामने आई थी, पर इनके द्धारा सीधे डाक्टरों,नर्सो से लेकर पुलिस वालों ,यहां तक कि सफाई कर्मियों के ऊपर हमले किए जा रहे हैं। जबकि यह जान को जोखिम में ड़ालकर दिन-रात अपनीं सेवाएॅ दे रहे हैं। बड़ा सवाल यह कैसी मानसिकता है कि अपने ही देश को संकट में ड़ालना, अपनीं सहायता करने वालों के ऊपर हमला करना। ऐसा लगता है कि कश्मीर में धारा 34-ए और अनुच्छेद 370 हटाए जाने, राम मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त होने, तीन तलाक कानून समाप्त होने और उसे दण्डनीय बनाने तथा नागरिकता संशोधन कानून 2019 के चलते इस देश के कुछ लोग इस हद तक निराश- हताश होकर बौखला गए है कि वह किसी भी हद तक देश के विरोध में जाने को तैयार हैं। उनको लगता है कि यही मौका है कि उन्हें लगता है कि देश को अस्त-व्यस्त किया जा सकता है। बड़ा सवाल यह कि क्या यह राष्ट्र के विरूद्ध एक तरह से घोषित  युद्ध नहीं। इन्हीं सब कारणों से पूरे विश्व में एक समुदाय को लोग संदेह की नजर से देखने लगे हैं। चीन तो उन्हें रोजा तक नहीं रखने देता। इनके इन्हीं रवैयों के चलते पश्चिम के बहुत से राष्ट्रो ने अपने यहाॅ मुसलमानों को शरण देने से इंकार कर दिया है तो बहुत से राष्ट्र जहाॅ मुस्लिम वहाॅ बतौर शरणार्थी रह रहे हैं, उनसे मुक्ति पाने के प्रयास में हैं। असलियत यहकि फ्रान्स और जर्मनीं जैसे देशों ने उन्हें संकट में शरण दिया पर अब ये उन्हीं देशों में निर्दोषों की हत्या कर रहे हैं और आतंकवाद के पर्याय बन गए हैं। 
स्थिति की भयावहता यह है कि विश्व में इस समय 60 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चले हैं और करीब र्3 लाख लोग मौत के मुॅह में जा चुके हैं। मरने वालों में दो तिहाई अमेरिका, इटली, स्पेन ,फ्रांस और ब्रिटेन के हैं। यह विडम्बना ही कही जाएगी कि प्रत्येक मरने वालों में विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका का चैथा व्यक्ति होता है।  ऐसी स्थिति में कई देशों ने कोरोना से लड़ने के लिए बहुत कठोर रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। साउथ अफ्रीका और फिलिपींस जैसे देशों में कोरोना संबंधी नियम तोड़ने पर सीधे गोली मारने का आदेश है , तो साउदी अरेबिया में कोरोना को छिपाने पर एक करोड़ का जुर्माना है। रूस में 7 वर्ष की सजा का नियम बताया है तो आस्ट्रेलिया में 23 लाख रूपये का जुर्माना है। इटली में भी नियम तोड़ने पर 4 लाख रूपये का जुर्माना है। गनीमत है हमारे देश में मोदी सरकार के दृढ़ रवैए के चलते कोरोना उतने भयावह रूप से नहीं फैला। फिर भी बावजूद इसके अब तक 60 हजार के आस-पास लोग संक्रमित हो चले हैं और 1000 के आसपास लोगो की मृत्यु हो चली है। भविष्य में प्रभावी ढंग से रोकने के लिए जरूरी है कि देश को शत्रु मानने वाली मानसिकता को सख्ती से कुचला जाए। यह कितनी बड़ी विडम्बना है कि जिन कोरोना महामारी से अपनीं जान को जोखिम में ड़ालकर कोरोना के विरूद्ध योद्धा संघर्ष कर रहे हैं, और पूरा देश उनके समक्ष नत-मस्तक है,उनके स्वागत में फूल बरसा रहा है, पलक पाॅवड़े बिछा रहा है, वही एक समुदाय के लोग उनसे जानबूझकर शत्रुवत व्यवहार कर रहे हैं। मोदी सरकार ने कोरोना योद्धाओं एवं पुलिस से दुव्र्यवहार करने, एवं हमला करने वालों पर यद्यपि महामारी अधिनियम में संशोधन कर ऐसे लोगो के लिए 7 वर्ष तक की सजा एवं पांच लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान कर दिया गया है, लेकिन एक तबके की हमलावर प्रवृत्तियां आये दिन सामने आती रहती है। पूरे देश का आज यही प्रश्न है-’यह कैसी मानसिकता? ’                

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