
न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में हो रहे ताजा अध्ययनों से इस तरह के संकेत मिले हैं। शोधकर्ताओं ने संक्रमण प्रसार की तीन संभावनाएं भी बताई हैं। वैज्ञानिकों ने इस संबंध में यह भी कहा है कि सभी देशों को अपनी क्रिटिकल केयर क्षमता को दोगुना करने की जरूरत है। उनका अनुमान है कि संक्रमण का भविष्य भौगोलिक स्थिति, मौसम से लेकर रोकथाम नीतियों, सामाजिक दूरी और हर्ड इम्युनिटी जैसे अलग-अलग कारकों पर निर्भर करेगा। लिहाजा, निकट भविष्य में संक्रमितों की तादाद कम होने मात्र से निश्चिंत होकर नहीं बैठना चाहिए। आगे भी संक्रमण रह-रहकर सामने आता रहेगा या इसमें पहले के मुकाबले अचानक इजाफा भी देखने को मिल सकता है।
वायरस फैलने की तीन स्थितियां
हार्वर्ड एचटी चान स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ के महामारी विशेषज्ञ डॉ मार्क लिपसिच के मुताबिक, निकट भविष्य में संक्रमण थमना मुश्किल है। लिपसिच हाल ही में हुए दो अध्ययनों के सह-लेखक रहे हैं। इनमें एक अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा और दूसरा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ है। अध्ययन में आगामी महीनों में महामारी के संभावित स्वरूप पेश किए गए हैं। एक अध्ययन में कोरोना की तीन स्थितियां बताई गई हैं तो दूसरे में मौसम, हर्ड इम्युनिटी और सामाजिक दूरी पर फोकस किया गया है।
..तो ऐसे फैलेगा कोरोना, शिखर और गर्त
इसके तहत कोरोना की मौजूदा लहर में ज्यादा मामले सामने आएंगे। फिर इसमें गिरावट के बाद इसी साल दोबारा संक्रमितों का ग्राफ ऊपर चढऩे लगेगा। 2022 तक सतत उतार-चढ़ाव के बाद महामारी समाप्त हो जाएगी।