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चीन को जिम्मेदार ठहराने के लिए अमेरिकी सांसद की योजना, भारत से सैन्य रिश्तों पर जोर

चीन को जिम्मेदार ठहराने के लिए अमेरिकी सांसद की योजना, भारत से सैन्य रिश्तों पर जोर

नई दिल्ली । अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने चीन की सरकार को कोविड-19 वैश्विक महामारी का कारण बनाने वाले उसके कथित “झूठ, छल और बातों को गुप्त रखने की कोशिशों” के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने को लेकर 18 सूत्री योजना सामने रखी है। भारत के साथ सैन्य संबंध बढ़ाना इस योजना का एक हिस्सा है। इसके अलावा अन्य प्रमुख सुझावों में चीन से उत्पादन श्रृंखलाओं को हटाना तथा भारत, वियतनाम और ताइवान के साथ सैन्य संबंध प्रगाढ़ करना है। 
सीनेटर थोम टिलिस ने बृहस्पतिवार (14 मई) को अपनी 18 सूत्री योजना को विस्तार से प्रस्तुत करते हुए कहा, “चीन सरकार ने खराब मंशा से बातों को छिपाया और ऐसी वैश्विक महामारी फैलायी जो हजारों अमेरिकियों के लिए विपत्ति लेकर आई। यह वही शासन है जो अपने ही नागरिकों को श्रम शिविरों में बंद करके रखता है, अमेरिका की प्रौद्योगिकी एवं नौकरियां चुराता है और हमारे सहयोगियों की संप्रभुता के लिए खतरा उत्पन्न करता है। उन्होंने कहा, “यह अमेरिका और समूचे स्वतंत्र विश्व के लिए बड़ी चेतावनी है। मेरी कार्ययोजना चीनी सरकार को कोविड-19 के बारे में झूठ बोलने के लिए जिम्मेदार ठहराएगी, अमेरिका की अर्थव्यवस्था, जन स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा को संरक्षित रखते हुए चीनी सरकार को प्रतिबंधित करेगी। इस कार्य योजना में प्रशांत प्रतिरोध पहल शुरू करने और वित्तपोषण के लिए 20 अरब डॉलर के सैन्य अनुरोध को तत्काल स्वीकृत किए जाने की मांग उठाई गई है। इसमें क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ सैन्य संबंध मजबूत करने और भारत, ताइवान एवं वियतनाम को उपकरणों की बिक्री बढ़ाने की भी अपील की गई है। इसमें कहा गया कि जापान को अपनी सेना का फिर से निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए तथा जापान एवं दक्षिण कोरिया को आक्रामक सैन्य उपकरणों की पेशकश की जाए। योजना में कहा गया, “चीन से सारी उत्पादन इकाइयां वापस अमेरिका लाई जाएं और धीरे-धीरे आपूर्ति श्रृंखलाओं को लेकर चीन पर निर्भरता समाप्त की जाए। चीन को हमारी प्रौद्योगिकी चुराने से रोका जाए तथा हमारे प्रौद्योगिकीय फायदे फिर से प्राप्त करने के लिए अमेरिकी कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाए। चीन की हैकिंग एवं गड़बड़ियों से बचने के लिए साइबर सुरक्षा मजबूत की जाए। इसमें कहा गया, “अमेरिकी करदाताओं के पैसे का चीनी सरकार द्वारा अपना कर्ज चुकाने में प्रयोग किया जाना रोका जाए। हुआवै (चीनी प्रौद्योगिकी कंपनी) पर अमेरिकी प्रतिबंध को लागू किया जाए और इसी तरह के प्रतिबंध लागू करने के लिए हमारे सहयोगियों के साथ समन्वय करें।”इसके अलावा इस योजना में चीनी सरकार से मुआवजा मांगने तथा वायरस के बारे में झूठ बोलने के लिए उस पर प्रतिबंध लगाए जाने का सुझाव दिया गया है। साथ ही कहा कि चीन को उसके अत्याचारी मानवाधिकार रिकॉर्ड के लिए भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। चीन ने कोरोना वायरस प्रकोप की भयावहता को छिपाने संबंधी अमेरिका के आरोपों से इनकार किया है। उसने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह वुहान की विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला में वायरस की उत्पत्ति का दावा कर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पिछले महीने कहा था, ““विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को कोविड-19 की जानकारी देने वाला पहला देश चीन था और इसका यह मतलब नहीं है कि वायरस वुहान से पनपा है। कभी कोई जानकारी नहीं छिपाई गई और न ही कोई जानकारी छिपाने की इजाजत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि “कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति एक झलक में समझ जाएगा कि मकसद भ्रम पैदा करना, लोगों का ध्यान भटकाना और अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटना है।”सांसद टिलिस की योजना में ट्रंप प्रशासन से, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से औपचारिक तौर पर अनुरोध कर बीजिंग से 2020 शीतकालीन ओलंपिक वापस लेने की अपील भी की गई है। 
 

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