
वाशिंगटन। अमेरिका से अच्छी खबर है। जानकारी के मुताबिक, यहां पहले चरण में कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल करते हुए जिन 8 लोगों को टीके लगाए गए थे, उनमें प्रयोग सफल रहा है। इसके साथ ही अब दूसरे चरण के ट्रायल की अनुमति दे दी गई है। यह दावा अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना ने किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों में टीके के शुरुआती परीक्षण के परिणाम बेहद आशाजनक रहे हैं। मॉडर्ना कंपनी के वैज्ञानिकों का कहना है कि 8 लोगों पर उनकी इच्छा के अनुसार यह प्रयोग किया गया था। मार्च में टीके लगाए गए थे, जिनका पुख्ता परिणाम अब प्राप्त हुई है। सभी को दो-दो खुराक दी गई थी। टीके को आधिकारिक रूप से लांच करने और बाजार में उतारने से पहले कुछ और ट्रायल की जरूरत है, जिसके लिए अनुमति मिल गई है।
ऐसे हुआ टेस्ट, अहम है एंटीबॉडीज
टीके लगाए जाने के बाद मरीज के शरीर में एंटीबॉडीज का निर्माण हुआ। इस एंटीबॉडीज को प्रयोगशाला में कोरोना वायरस के खिलाफ परखा गया, जिसका नतीजा सकारात्मक रहा। यानी ये एंटीबॉडीज कोरोना वायरस को रोकने में सफल रहे। यह एंटीबॉडीज ठीक उसी तरह के हैं, जो कोरोना संक्रमण के बाद ठीक हुए मरीजों के शरीर में पाई गई। कुल मिलाकर इन्सान अब टीके से शरीर में एंटीबॉडीज बनाने के करीब पहुंच गया है। यह एंडीबॉडीज बनते ही कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा और फिर से हमला नहीं कर सकेगा।
बांग्लादेश से भी राहत भरी खबर
बांग्लादेश के डॉक्टरों ने दावा किया है कि उन्होंने कई दवाओं के कॉम्बिनेशन से कोरोना वायरस के इलाज के लिए प्रभावी दवा की खोज की है। टीम ने कहा कि उन्होंने कॉम्बिनेशन से बनी दवा से कोरोना वायरस संक्रमित कई मरीजों को ठीक भी किया है। बता दें कि दुनिया के कई देशों में इस वायरस के प्रभावी दवा की खोज के लिए शोध चल रहा है। बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर मोहम्मद तारिक आलम ने बताया कि इस दवा से कोरोना वायरस के 60 मरीज ठीक हो चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दो दवाओं के मिश्रण से बनी इस नई दवा का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
पेटेंट कराने के लिए कर रहे काम
डॉ आलम ने कहा कि चार दिनों बाद हम फिर मरीजों की कोरोना जांच करते हैं जिनमें सभी के परिणाम निगेटिव आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस दवा का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। डॉ आलम ने कहा कि हम दवाओं के मिश्रण की सफलता को लेकर 100 फीसदी आश्वस्त हैं। वे बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ मिलकर इस दवा के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट के लिए काम कर रहे हैं।