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लद्दाख में गलवा फ्लैशपॉइंट के पास चीनी सैनिकों ने जमाया अड्डा, भारत ने भी संभाला मोर्चा

लद्दाख में गलवा फ्लैशपॉइंट के पास चीनी सैनिकों ने जमाया अड्डा, भारत ने भी संभाला मोर्चा

नई दिल्‍ली । पूर्वी लद्दाख और उत्‍तरी सिक्किम में सैनिकों के बीच टकराव के बाद भारत-चीन में तनाव बढ़ता जा रहा है। 2017 में डोकलाम के बाद लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर पहली बार इतना तनाव देखने को मिल रहा है। लद्दाख में गलवा फ्लैशपॉइंट के पास चीन ने तंबू गाड़कर अपने सैनिकों को तैनात किया है। इसके बाद, भारत को भी अतिरिक्‍त सुरक्षा बल वहां भेजने पड़े हैं। अक्‍साई चिन के इलाके पर कब्‍जा करने वाले चीन ने अब 'उल्‍टा चोर कोतवाल को डांटे' वाले अंदाज में भारत पर आरोप लगाया है कि वह अवैध डिफेंस फैसिलिटी बना ररहा है।
चीन के सरकारी मीडिया ने दावा किया कि भारत ने गलवां घाटी में अवैध डिफेंस फैसिलिटी बनाई है। इस इलाके में भारत और चीन के बीच कई बार टकराव हो चुका है। भारत ने चीन पर आरोप लगाया है कि चीनी सैनिक उन इलाकों में अपने टेंट लगा रहे हैं जहां भारत रेगुलरली पेट्रोल करता है। चीन ने कहा कि भारत के चीनी सीमा के भीतर ताजा, अवैध फैसलिटीज के कंस्‍ट्रक्‍शन' के जवाब में चीन ने बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई है।
भारत-चीन सीमा पर दशकों से एक भी गोली क्यों नहीं चली? भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव आम है। दोनों देशों के सैनिकों में हाथापाई की खबरें अक्सर आती रहती हैं। कभी-कभी पत्थरबाजी भी हो जाती है। लेकिन पिछले 4 दशकों से कभी भी गोलीबारी जैसी घटना नहीं हुई है।  
गलवां नदी के फ्लैशपॉइंट पर इस वक्‍त भारत और चीन के सैकड़ों सैनिक तैनात हैं। चीनी एक्‍सपर्ट्स की ओर से वहां के सरकारी मीडिया में धमकी दी गई थी कि 'अगर भारत अब तनाव को बढ़ाता है तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। गलवां में तनाव को सुलझाने के लिए लोकल लेवल पर बातचीत हुई। चीन ने वहां पर 80 से ज्‍यादा तंबू लगाए हैं। गलवां में 5 मई से तनाव शुरू हुआ। चीनी मीडिया का कहना है कि यह 2017 के डोकलाम विवाद के बाद सबसे ज्‍यादा तनाव वाली बात है।
विवादित इलाकों में टेंट लगाना चीन की पुरानी आदत है। इसके बाद वह कंस्‍ट्रक्‍शन शुरू कर देता है। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर देमचोक, चूमर और दौलत बेग ओल्‍डी में भी सैनिक तैनात किए गए हैं। पांगोंग झील के उत्‍तरी किनारे पर 5-6 मई को भारत और चीन के सैनिक भिड़ गए थे। उसी के बाद सीमा पर दोनों देशों ने फोर्स बढ़ा दी है। फिलहाल तनाव का केंद्र बनी गलवां घांटी 1962 की जंग का भी एक ट्रिगर पॉइंट थी। भारत ने उस इलाके में पैट्रोलिंग के लिए सड़क बनाई है। चीनी सैनिकों की तैनाती इसी के जवाब में हो सकती है। गलवां में तनाव काफी हद तक डोकलाम से मिलता-जुलता है। भारत-चीन-भूटान के ट्राई-जंक्‍शन पर चीन एक सड़क बना रहा था जिसकी खिलाफत में भारतीय सैनिक भीतर घुस गए थे। इसके बाद, दोनों देशों ने वहां पर भारी फोर्स तैनात कर दी थी। टॉप लीडर्स की बातचीत के बाद वह विवाद थमा था।
 

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