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कर्मचारियों की पेंशन स्कीम में 4फीसदी ‎हिस्सेदारी बढ़ाएगी योगी सरकार -राज्य कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर अड़े

कर्मचारियों की पेंशन स्कीम में 4फीसदी ‎हिस्सेदारी बढ़ाएगी योगी सरकार -राज्य कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर अड़े

रानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर हड़ताल की घाेषणा करने वाले उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों को प्रदेश सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) में केन्द्र की तर्ज पर 4 फीसदी हिस्सेदारी को बढ़ाएगी। इसके लिए कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। कैबिनेट की स्वीकृ‎ति ‎मिलने के बाद नई पेंशन में सरकारी अंशदान की हिस्सेदारी 10 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो जाएगी। वहीं, कर्मचारी अपनी हड़ताल की बात पर अड़े हुए हैं। 
पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे प्रदेश के सभी शिक्षक, राज्य और निकाय कर्मचारी छह दिन की हड़ताल शुरू करने की तैयारी में हैं। इससे पहले  कर्मचारियों ने बाइक रैली निकाली, जो लोक निर्माण विभाग से योजना भवन, श्रम कार्यालय, सिंचाई विभाग, सीएमओ कार्यालय, स्वास्थ्य विभाग, खेल निदेशालय, उद्यान विभाग, जवाहर भवन, वाणिज्य कर और समाज कल्याण होते हुए वापस पीडब्ल्यूडी कार्यालय जाकर खत्म हुई। इस दौरान सभी विभागों के कर्मचारियों ने रैली का स्वागत किया और प्रस्तावित हड़ताल के समर्थन में आए। 
पुरानी पेंशन बहाली के लिए बने कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच ने 6 फरवरी से छह दिन की हड़ताल का ऐलान किया है। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि पुरानी पेंशन के लिए 15 साल से आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार हमारी मांगें अभी तक पूरा नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि आंदोलन की घोषणा के बाद भी सरकार को भरपूर समय दिया गया, लेकिन सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा ‎कि सरकार एस्मा लगाकर इसका दमन नहीं कर सकती। इससे पहले पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे उत्तर प्रदेश के 20 कर्मचारी संगठनों की मुख्य सचिव से वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने देर रात आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (एस्मा) के तहत अधिसूचना जारी कर कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल को गैरकानूनी घोषित कर दिया।
मंच का दावा है कि हड़ताल में 150 से ज्यादा संगठन शामिल हैं। हड़ताल का असर 200 से ज्यादा विभागों पर होगा। यूपी चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने बताया कि मुख्य सचिव के साथ बीस से ज्यादा विभागों के नेताओं की वार्ता हुई थी, जो असफल हो गई। इसके बाद आंदोलन में यह स्थिति आई है।

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