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 कोरोना वैक्सीन को लेकर अमेरिकी वैज्ञानिक नाउम्मीद, बोला- पर रोका जा सकता संक्रमण

 कोरोना वैक्सीन को लेकर अमेरिकी वैज्ञानिक नाउम्मीद, बोला- पर रोका जा सकता संक्रमण

न्यूयार्क । जानलेवा कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका के एक वैज्ञानिक का वायरस की वैक्सीन पर बहुत जायादा आशांवित नहीं हैं ताजा बयान से सनसनी फैल गई है। वैज्ञानिक विलियम हेसलटाइन से कोरोना वायरस की वैक्सीन पर पूछे एक सवाल के जवाब में कहा 'मैं कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर कोई उम्मीद नहीं और न ही इसके भरोसे हूं। कैंसर, एचआईवी के शोधकर्ता और मानव जीनोम परियोजना पर काम कर चुके विलियम हेसलटाइन कहा कि कोरोना वायरस को रोकने का बेहतर तरीका ये है कि सावधानी से संक्रमित मरीजों की पहचान की जाए और संक्रमण फैलने की स्थिति में सख्त आइसोलेशन जैसे उपाय किए जाएं।
उन्होंने कहा कि दूसरे किस्मों के कोरोना वायरस के लिए पहले जो वैक्सीन तैयार की गई है, वो नाक की म्यूकस मेम्ब्रेन को संक्रमण से बचाने में नाकाम रहीं हैं। वायरस शरीर में सबसे ज्यादा इसी रास्ते प्रवेश करता है। हेसलटाइन का कहना है कि बिना किसी प्रभावी इलाज या वैक्सीन के भी कोरोना वायरस को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए संक्रमण की पहचान और संक्रमित लोगों की खोज कर उन्हें आइसोलेशन में रखना जरूरी है। उन्होंने लोगों से हाथ धोने, मास्क पहनने, सतह की सफाई करने और डिस्टेंस बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा कि चीन और कई अन्य एशियाई देशों ने इस रणनीति को बहुत प्रभावशाली तरीके से अपनाया, जबकि अमेरिका सहित कई दूसरे देश संक्रमित लोगों को सख्त आइसोलेशन में नहीं रख पाए। हेसलटाइन के अनुसार चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान ने कोरोना वायरस की संक्रमण दर को कम करने में बहुत अच्छा काम किया है जबकि अमेरिका, रूस और ब्राजील ने कोरोना वायरस को रोकने में सबसे खराब प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि जानवरों पर प्रयोग होने वाले कोविड-19 वैक्सीन फेफड़ों जैसे अंगों में वायरल लोड को कम तो करते हैं लेकिन शरीर में संक्रमण फिर भी बना रहता है। फिलहाल कोरोना वायरस के मरीजों के लिए दवा और वैक्सीन की खोज जारी है। इसके अलावा कई मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी के जरिए भी किया जा रहा है।
 

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