
बीजिंग । कोविड19 के दुनिया में फैलाने वाले चीन में एर बार फिर इस कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में चीन ने एक दिन में 14 लाख से ज्यादा टेस्ट कर दुनिया को अचंभित कर दिया है। कोरोना वायरस की जन्मस्थली वुहान में चीनी सरकार सभी नागरिकों का अनिवार्य कोरोना टेस्ट कर रही है। सरकार की कोशिश है कि इससे उन मरीजों के बारे में पता किया जाए जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं। वुहान में 18 मई को 467847 लोगों के कोरोना टेस्ट किए गए। वहीं गुरुवार को यह आंकड़ा बढ़कर 10 लाख हो गया। शुक्रवार को चीन ने रेकॉर्ड बनाते हुए 1470950 लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट किया। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी भी देश में एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के टेस्ट नहीं किए गए हैं। चीन में कोरोना वायरस के 39 नए मामले सामने आए हैं जिनमें से 36 मामले ऐसे हैं जिनमें मरीजों में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं। नए मामलों में से अधिकांश हुबेई प्रांत और उसकी राजधानी वुहान से हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि संक्रमण के शेष तीन मामलों में से एक मामला स्थानीय स्तर पर संक्रमण का है और दो लोग बाहर से आए हैं। आयोग के अनुसार संक्रमण का एक मामला जिलिन प्रांत से है, वहीं बाहर से जो दो रोगी आए हैं उनमें एक शंघाई और दूसरा ग्वांगदोंग प्रांत से है। एनएचसी ने बताया कि जिन 36 नये मामलों में रोगियों में संक्रमण के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं, उनमें 30 हुबेई प्रांत और उसकी राजधानी वुहान से हैं। आयोग ने कहा कि देश में कुल 371 ऐसे रोगी पृथक-वास में हैं जिनमें लक्षण नहीं हैं। इनमें से 297 हुबेई प्रांत में हैं। चीन में शनिवार को कोविड-19 के मामले 82,974 हो गए और देश में इस महामारी से अब तक 4,634 लोगों की मौत हो चुकी है।
चीन ने अपने हर प्रांत में एक पी3 रिसर्च लैब बनाने का फैसला किया है ताकि देश में महामारी रोकने की क्षमता को बेहतर किया जा सके और लोगों की सेहत की सुरक्षा की जा सके। पी3 लैब बायलॉजिकल सेफ्टी के मामले में दूसरे नंबर पर होती हैं और ऐसे खतरनाक पैथोजन्स को स्टडी करने के लिए बनाई जाती हैं जिनसे हवा में फैलने वाली खतरनाक या जानलेवा बीमारियां होने का खतरा हो। चीन ने वुहान में पी4 लैब बनने से पहले सार्स कोरोना वायरस को पी3 लैब में स्टडी किया था। केंद्र की सरकार कोरोना वायरस का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी ने चीन की महामारी रोकने और नियंत्रित करने की क्षमता की पोल खोल दी है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि लोगों की सेहत और जिंदगी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए असरदार शील्ड बनाने की जरूरत है। इसलिए पी3 लैब खोलने का फैसला किया गया है।