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फिल्म 'छपाक' में नजर आएगा एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी का दर्द - लक्ष्मी ने कहा- बहुत बड़ा बदलाव भी समाज में आएगा

फिल्म 'छपाक' में नजर आएगा एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी का दर्द - लक्ष्मी ने कहा- बहुत बड़ा बदलाव भी समाज में आएगा

चेहरे पर तेजाब फेंकने से न ‎सिर्फ पी‎‎‎‎डि़ता का चेहरा झुलसता है। ब‎‎ल्कि उस पी‎डि़ता को अपनी ‎जिंदगी जीने में न जाने ‎कितनी परेशा‎नियों और दुख दर्द का सामना करना होता है। ऐसी ही एक कहानी एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की है ‎जिन्होंने न ‎सिर्फ इस भयावह हादसे को झेला ब‎ल्कि अब एक अच्छी ‎जिंदगी जीकर ऐसी पी‎डि़ताओं को सामने ‎मिसाल पेश कर रही हैं। इस ‎दिनों ए‎सिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल सुर्खियों में हैं। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण उनकी बायोपिक 'छपाक' में काम कर रही हैं और इस फिल्म की काफी चर्चा हो रही है। लक्ष्मी का मानना है कि फिल्म के आने से शायद एक बहुत बड़ा बदलाव आए। उनका कहना है कि जिस शख्स ने उनके चेहरे पर ए‎सिड फेंका, उसकी तो नहीं हुईं लेकिन आज वह पूरी दुनिया की हैं। हाल ही में इंडिया रनवे वीक फैशन शो में शामिल होने राष्ट्रीय राजधानी आईं लक्ष्मी ने इस बारे में बातचीत की। फिल्म 'छपाक' में दीपिका के काम करने के बारे में 28 साल की लक्ष्मी ने कहा, मुझे बहुत अच्छा लगा कि दीपिका इस कॉज को सामने लेकर आ रही हैं और मैं बहुत खुश हूं कि जब यह फिल्म आएगी तो लोगों के अंदर एक अलग एक्साइटमेंट होगा और जब फिल्म आएगी तो शायद एक बहुत बड़ा बदलाव भी आएगा। साल 2005 में लक्ष्मी से एकतरफा प्यार करने वाले एक सिरफिरे शख्स ने उन पर तेजाब फेंक दिया था।
इस हादसे ने उन पर कितना असर डाला, यह पूछने पर लक्ष्मी ने कहा ,"इसने मेरी जिंदगी पर बहुत असर डाला है। अगर आप एक नॉर्मल जिदंगी जी रहे होते हैं और आपकी लाइफ में अचानक कोई हादसा होता है, खासकर अगर किसी लड़की की लाइफ में कोई हादसा हो, क्योंकि उसे गर्भ से ही बोझ माना जाता है और जब वह दुनिया में आती है तो सबसे ज्यादा बोझ माता-पिता पर होता है और माता-पिता से ज्यादा सोसाइटी को दिक्कत होती है कि पढ़ाई के बारे में सोचे या दहेज इकट्ठा करे। तो ये चीजें हैं। उन्होंने कहा, अटैक के बाद सारा फोकस इलाज में चला गया और जिंदगी एकदम बदल सी गई। अजीब हो गई। मैं चार साल तक चेहरे को ढककर चली और फिर फेस को न ढकना बड़ी चुनौती थी। फिर अचानक इसके बाद पापा और भाई की मौत हो गई।। तो ये बुरे दिन भी देखने पड़े। महिला सशक्तिकरण पर उन्होंने कहा, यह अहम है। अगर मैं सशक्त हुई हूं तो इससे सोसाइटी को क्या मैसेज मिला। उस अपराधी को एक तमाचा पड़ा है कि भई, हमने तो ये सोचकर अटैक किया था कि ये मेरी नहीं तो फिर किसी की नहीं हो सकेगी, लेकिन मैं आज ये कहती हूं कि उसकी तो नहीं हुई, लेकिन पूरी दुनिया की हो गई।  उन्होंने अपने अब तक के सफर के बारे में कहा, "बहुत दर्दभरा सफर रहा है। बहुत कुछ रहा है इस सफर में। बीचबीच में बहुत सी चीजें आती जाती हैं। मुझे लगता है कि हर किसी की लाइफ में ये सब होता रहता है, लेकिन इस बीच में बहुत सकारात्मक, अच्छी चीजें भी होती रहती हैं। कुछ ऐसा होता है जिससे आप और उभरते हो और अच्छा लगता है। जिंदगी बहुत उतार-चढ़ाव से भरी रही है।" लक्ष्मी ने इस हादसे के शिकार लड़के-लड़कियों के लिए दिए संदेश में कहा कि ऐसे लोगों को खुलकर सामने आना चाहिए और अपनी जिंदगी को खुलकर जीना चाहिए।

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