
रोम । यूरोप में कोरोना वायरस ने सबसे पहले इटली को अपना शिकार बनाया था। यहां कुल 2,32,997 केस पाए गए हैं और 33,415 मौत हो गई। बुजुर्गों की बड़ी आबादी होने की वजह से इटली में कोरोना के शुरुआती दौर में हर दिन बड़ी संख्या में मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा था क्योंकि कोरोना ज्यादा उम्र के लोगों को आसानी से शिकार बना रहा था। हालांकि, इटली के एक सीनियर डॉक्टर का मानना है कि अब वायरस कमजोर हो चुका है और इसके संक्रमण से मौत की संभावना कम होने लगी है। दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस दावे को खारिज किया है। इटली में सबसे खराब हालत लॉम्बार्डी की रही। मिलान के सैन रफायल हॉस्पिटल के हेड अल्बर्टो जंगरीलो का कहना है कि क्लिनिकली वायरस अब इटली में नहीं है।
उन्होंने बताया है कि पिछले 10 दिन में किए गए टेस्ट में मिला वायरस एक-दो महीने पहले की तुलना में बेहद कम हो चुका है। उन्होंने कहा कुछ एक्सपर्ट इन्फेक्शन के दूसरे दौर को लेकर परेशान हैं और नेताओं को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। सरकार ने भी कहा है कि अभी सतर्क रहना जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, बड़ी संख्या में इकट्ठा न होने, हाथ सैनिटाइज करने और मास्क पहनने के लिए लोगों से कहा गया है। जेनोआ के सैन मार्टीनो अस्पताल में संक्रामक बीमारियों के क्लिनिक के हेड मैशियो बसेटी का भी यही कहना है कि दो महीने पहले वायरस जितना शक्तिशाली था, अब नहीं है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस दावे को खारिज किया है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ऐसी धारणाएं नहीं फैलानी चाहिए कि वायरस अचानक से अपने आप कमजोर हो गया है।
ब्रिटेन के बाद यूरोप में अभी भी कोरोना से मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा इटली में ही है। यहां पहला मामला 21 फरवरी को सामने आया था। इन्फेक्शन के नए मामले और मरने वालों की संख्या में मई में गिरावट देखने को मिली और अब लॉकडाउन में ढील भी दी जाने लगी है। इटली अब दोबारा खड़े होने के लिए तैयार है। करीब तीन महीने के लॉकडाउन के बाद राजधानी रोम को खोल दिया गया है। टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स में सबसे मशहूर शहरों में से एक रोम में पर्यटकों के लिए सबसे बड़े आकर्षण के केंद्र कोलोजियम और वैटिकन संग्रहालय के खुलने से वहां लोगों की भारी भीड़ उमड़ी पड़ी। संग्रहालय की निदेशक बारबरा जट्टा पर्यटकों का अभिवादन करने क लिए बाहर आईं जो कतार में एक-दूसरे से दूरी बनाकर खड़े थे और अंदर जाने से पहले अपना तापमान मापे जाने का इंतजार कर रहे थे।