नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। ऐसे में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दे रही स्किल इंडिया से जुड़ी इकाइयों के सहयोग तथा उनकी योजनाओं के प्रगति कार्य एवं इस वैश्विक महामारी के बाद की कार्ययोजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक मंगलवारकोकी। इस दौरान उन्होंने मंत्रालयके वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोविड-19 की रोकथाम एवं संकट काल में देश के प्रवासी श्रमिकों समेत वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों से आ रहे कामगारों के लिए शुरू की जा रही परियोजनाओं एवं विभिन्न पहलों पर विस्तृत चर्चा की। इस बैठक में मुख्य रूप से डीजीटी, एनएसडीसी, जेएसएस समेत मंत्रालय से सम्बद्ध कई इकाइयों ने भाग लिया। मंत्रालय के हवाले से बताया गया कि इस वैश्विक महामारी ने देश में बड़े पैमाने पर व्यवधान पैदा किये हैं, जोकि बहुत ही चिंताजनक हैं।प्रवासी श्रमिकों की बहुत बड़ी आबादी अपने गृहराज्यों की तरफ लौट चुकी है। इसके अलावा वंदे भारत मिशन के द्वारा विदेशों से भी नागरिक भारत लौट रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में इस रिवर्स माइग्रेशन से अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बड़ा प्रभाव पड़ने की आशंका है, क्योंकि हम कोरोना के चलते पहले से ही काफी मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में इन परिस्थितियों को संभालने के लिए मंत्रालय स्थानीय प्रशासन की सहायता से अपने सीमित संसाधनों के बल पर, गृह राज्यों को लौट चुके प्रवासी श्रमिकों को उनके घर के पास ही नौकरी उपलब्ध कराने की योजना पर कार्य कर रही है। इस योजना में कृषि क्षेत्र भी विशेष रूप से शामिल है, जो हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालयइस योजना के लिए पहले से ही कार्य शुरू कर चुका है, लेकिन इसके साथ ही हमें प्रवासी श्रमिकों के एक व्यापक डेटाबेस के लिए राज्य सरकारों के समर्थन की आवश्यकता है। यह डेटाबेस री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग की आवश्यकताओं का आकलन करने के साथ ही अपने मौजूदा कौशलों की मैपिंग भी करेगा। मंत्रालय का सबसे अधिक फोकस शीर्ष श्रमबल प्रदान करने वाले राज्यों जैसे कि उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश और झारखंड पर है।
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कोविड-19 के बाद के हालातों कौशल विकास मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय ने की समीक्षा बैठक