नई दिल्ली । भारत ने 53 दवाओं के उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का प्लान तैयार किया है। मोदी सरकार ने इसके लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) स्कीम को नोटिफाई कर दिया है। अभी ऐसी ज्यादातर दवाओं के एपीआई या अन्य तत्व चीन से आयात किए जाते हैं। मोदी सरकार नई स्कीम से चीन को बड़ी चोट भी पहुंचेगी और भारत इस मामले में आत्मनिर्भर हो सकेगा। इस स्कीम के तहत भारत में स्वदेशी स्तर पर इन दवाओं के महत्वपूर्ण शुरुआती पदार्थ और एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इन्ग्रेडिएंट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह योजना 2 जून से अगले चार महीने के लिए खोली गई है, जिसके तहत निवेशक इसतरह के किसी भी 53 ड्रग इंटरमीडिएटरी और बल्क ड्रग के उत्पादन के लिए नए कारखाने स्थापित करने का प्रस्ताव पेश कर सकते है। अभी इन दवाओं का मुश्किल से ही भारत में आयात होता है और ज्यादातर को चीन से आयात करना पड़ता है। इस सूची में प्रमुख इन्ग्रेडिएंट शामिल हैं, जिनसे पैरासीटामॉल, एस्प्रिन, मेटफॉर्मिन, एटोरवेस्टाटिन जैसी दवाइयां शामिल हैं। सरकार की यह रणनीति है कि जीवनरक्षक दवाओं और अन्य महत्वपूर्ण दवाइयों के मामले में चीन पर निर्भरता कम हो और देश आत्मनिर्भर बने।
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चीन पर चोट की तैयारी: 53 दवाओं के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत