YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

100 मीटर पीछे हटी चीनी सेना चार दिन से लद्दाख में कोई बड़ी हरकत नहीं

100 मीटर पीछे हटी चीनी सेना चार दिन से लद्दाख में कोई बड़ी हरकत नहीं

नई दिल्ली।  करीब एक महीने से पूर्वी लद्दाख सेक्टर में जारी सीमा विवाद के बीच पहली बार चीनी सैनिक पीछे हटे हैं। करीब एक महीन से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आक्रामक रुख अपना रही चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पिछले तीन-चार दिन से कोई बड़ी हलचल नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना एक जगह पर अपनी पहले की स्थिति से करीब 100 मीटर पीछे हटी है। वहीं, बाकी जगहों पर भी पिछले कुछ दिनों से उसका आक्रामक रुख नहीं दिख रहा है। चीनी सेना के रवैये में यह बदलाव छह जून को प्रस्तावित दोनों देशों के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों की बैठक से ठीक पहले आया है। इसे सीमा विवाद निपटने की दिशा में सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
एक महीने से चल रहा विवाद
लद्दाख में पांच मई और सिक्किम सीमा पर नौ मई को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। उसके बाद से लद्दाख में तनातनी जारी है। इस दौरान दोनों देशों ने एलएसी पर सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई है। विवाद निपटारे के लिए दोनों देशों के बीच अलग-अलग स्तर पर करीब एक दर्जन बार बातचीत हो चुकी है। इस दौरान चीनी वायुसेना द्वारा लद्दाख के आसपास युद्धक विमान उड़ाने का मुद्दा भी उठाया गया।
6 जून को मिलेंगे भारत-चीन के जनरल
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए भारत और चीन 6 जून को सैन्य वार्ता का नया दौर शुरू करेंगे। पहली बार लेफ्टिनेंट जनरल रैंक स्तर के अधिकारियों की इस बातचीत में दोनों देश चर्चा के लिए विशेष प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया, भारत की ओर से लेह में तैनात 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह चीनी समकक्ष से बातचीत करेंगे। फिलहाल यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि भारत बातचीत के लिए क्या मसौदा पेश करेगा। सूत्रों का कहना है कि भारत दोनों पक्षों के सभी इलाकों में पूर्व की स्थिति में बहाल करने का प्रस्ताव दे सकता है। सीमा विवाद हल करने के लिए दोनों देशों के सैन्य अफसरों ने बीते मंगलवार को भी बात की थी। अब तक इसे लेकर 10 से ज्यादा दौर की बातचीत हो चुकी है। सूत्रों ने बताया कि ऐसा लग रहा था कि बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई है क्योंकि दोनों ओर से जमीनी हालात में बहुत बदलाव नहीं आया है। बताया जा रहा है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 5,000 से ज्यादा सैनिक और बख्तरबंद वाहन गलवां घाटी के पास मौजूद हैं। इसे देखते हुए भारतीय सेना ने भी सीमा पर जवानों की तैनाती बढ़ा दी है।
 

Related Posts