नई दिल्ली । घातक कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन ने आर्थिकतंत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है ऐसी विषम परिस्थितियों के चलते सरकार ने अगले साल मार्च तक कोई भी नई सरकारी योजना शुरू नहीं करने का फैसला किया है। हालांकि ये रोक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी योजनाओं पर लागू नहीं होगी। नई सरकारी स्कीम नहीं लाने का फैसला किया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना की वजह से जारी आर्थिक संकट में खर्चों की कटौती के अंतर्गत यह फैसला लिया गया है। हालांकि, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत की गई घोषणाओं के लिए खर्च जारी रहेगा।
सरकार का बड़ा फैसला-कोविड-19 संकट और लॉक डाउन के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला लिया है। आदेश के मुताबिक मार्च 2021 तक कोई भी नई स्कीम शुरू नहीं होगी। आदेश एफवाई20-21 में स्वीकृत या मूल्यांकन वाली सभी स्कीम पर लागू। एक्पेंडिचर डिपार्टमेंट से मिले सैद्धांतिक अनुमति वाली स्कीम भी शामिल है। इसमें एसएफसी के 500 करोड़ से उपर की नई स्कीम पर भी ब्रेक लगा रहेगा। वित्त मंत्रालय ने राजस्व की कमी का हवाला देते हुए आदेश जारी किया है। वित्त मंत्रालय के एक्पेंडिचर डिपार्टमेंट ने ये आदेश 4 जून को जारी किया है। मंत्रालयों और विभागों को अपनी-अपनी लिस्ट 30 जून तक सौंपने को कहा है।
देश का आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने आर्थिक सुधारों के साथ-साथ कुल 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है। इस पर पीएम मोदी की ओर से लिख पत्र में कहा गया है कि भारत कोरोना महामारी से जूझ रहे विश्व के सामने इकोनॉमी रिवाइवल का एक उदाहरण पेश करेगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित 20 लाख करोड़ का पैकेज भारत के हर नागरिक चाहे वो किसान हो, छोटा उद्योमी हो या किसी स्टार्टअप से जुड़ा युवा हो, उसके समक्ष नए अवसरों के युग की शुरुआत करेगा। पत्र में पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भर में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा हो रही है कि इस महामारी के चपेट से तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेगी। कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
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सभी नई सरकारी योजनाओं पर मोदी सरकार ने लगाई रोक