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 कोरोना के बीच अयोध्या में 10 जून से शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण कार्य 

 कोरोना के बीच अयोध्या में 10 जून से शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण कार्य 


लखनऊ । अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण को लेकर तैयारी पूरी की जा चुकी है। परिसर में चल रहे समतलीकरण के बाद फाउंडेशन बनाने की तैयारी को लेकर एलएंडटी कंपनी के अधिकारियों ने परिसर में डेरा डाल दिया है। वही, मंदिर निर्माण की प्रक्रिया के लिए परिसर में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। 
यह आयोजन परिसर में स्थित प्राचीन कुबेर टीला पर होगा, जहां भगवान शिव विराजमान हैं। 10 जून को महंत कमल नयन दास अन्य संतों के साथ सुबह 8:00 बजे से पूजा आरंभ होगी, जो 2 घंटे तक चलेगी। इसके बाद मंदिर निर्माण कार्य शुरू होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास के मुताबिक, भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्ति से पहले भगवान रामेश्वरम की स्थापना कर अभिषेक किया था,इसकारण मंदिर निर्माण से पहले भगवान शशांक शेखर का पूजन किया जाएगा। 
उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण की तैयारी पूरी हो चुकी है। तराशे गए पत्थरों से ही मंदिर का निर्माण होना है, और रामलला को उनके गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा। लेकिन इसके पहले रामजन्मभूमि में स्थित कुबेर टीला पर भगवान शशांक शेखर की आराधना की जाएगी। उसके बाद कार्य को प्रारंभ किया जाएगा। नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास शास्त्री के मुताबिक, हर कार्य के प्रारंभ में रुद्राभिषेक आवश्यक होता है। भगवान श्री राम को लंका पर विजय प्राप्त करनी थी तब सबसे पहले भगवान श्री रामेश्वर जी की स्थापना की, क्योंकि यह देखा गया कि मंदिर उपेक्षित पड़ा है। शिवजी अभी तक उपेक्षित रहे,तब अच्छा है भगवान का अभिषेक किया जाए। 
कमल नयन दास ने कहा है कि राम मंदिर का कार्य प्रारंभ है। सारी तैयारी पूरी है, इसमें कोई देर नहीं है। महामारी खत्म होते ही बड़े जोरों से कार्य होगा। अभिषेक 10 तारीख को होगा। राम मंदिर निर्माण को शुरू करने के लिए यह पूजा अनुष्ठान होगा। आचार्य सत्येंद्र दास जो कि अब तक राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी हैं, उनका कहना है कि भगवान शिव की पूजा करने के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। वैसे मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। फिर भी उनकी जो आराधना है, वह जो अनुष्ठान करने जा रहे हैं वह बहुत अच्छा है और सुयोग्य है, बहुत अच्छी बात है। उन्होंने कहा, वैसे 25 मार्च से श्री रामलला अस्थाई मंदिर में स्थापित हुए हैं। लेकिन जहां वे पहले विराजमान थे, वहां पर निरंतर पूजा होती आई है।
 

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