नई दिल्ली । नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में भड़की हिंसा मामले में नोएडा एटीएस और मेरठ पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के वॉन्टेड सदस्य मुफ्ती शहजाद को गिरफ्तार किया है। पीएफआई के नॉर्थ जोन के अध्यक्ष एएस इस्माइल ने गिरफ्तारी की निंदा की है। मोहम्मद शाहजाद को उसके गाजियाबाद स्थित घर से गिरफ्तार किया गया है। पीएफआई के मुताबिक मोहम्मद शाहजाद के पिता मोहम्मद उमर का आरोप है कि 5 जून को शाम 4 बजकर 30 मिनट पर 30 से 40 पुलिसकर्मी आए और नाकेपुर स्थित घर से उसे ले गए। पुलिस ने गिरफ्तारी की कोई वजह नहीं बताई है। आरोप है कि पुलिस ने कोई गिरफ्तारी की वजह नहीं बताई। उसके परिजन लगातार पुलिस से गिरफ्तारी के बारे में सवाल पूछ रहे थे। पुलिस ने यह भी नहीं बताया कि किस थाने में उसे लेकर जा रहे हैं।
पीएफआई का कहना है कि शाहजाद ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में यह मांग की गई थी कि सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट के दौरान उत्तर प्रदेश में भड़की हिंसा की जांच की जाए।
पीएफआई ने कहा कि पुलिस याचिका दर्ज होने के बाद से ही उसे और उसके परिजनों को परेशान कर रही है। यह अभी तक नहीं पता है कि उन्हें कहां रखा गया है। पॉपुलर फ्रंट का दावा है कि मुफ्ती मोहम्मद शाहजाद ने ऐसा कुछ नहीं किया है कि उसे गैरकानूनी प्रताड़ना झेलनी पड़े।संगठन का कहना है कि नागरिक अधिकारों और न्याय की बात करने वाले लोगों की आवाज यूपी में दबाई जा रही है। सीएम योगी पर भी पॉपुलर फ्रंट ने संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। वहीं इस मामले पर पुलिस का कहना है कि मुफ्ती शहजाद ने 20 दिसंबर से पहले मेरठ जनपद में पोस्टर बांटने का जुर्म स्वीकार किया है। शहजाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीपीआई) का सक्रिय सदस्य है। अभी अभियुक्त के अकाउंट नंबर और अन्य सहयोगियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
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मुफ्ती शहजाद अरेस्ट पुलिस ने नहीं बताई गिरफ्तारी की वजह