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 मिशन वंदे भारत- हवाई यात्रियों को विदेश जाने-आने पर ज्यादा ढीली करनी पड़ रही हैं जेब

 मिशन वंदे भारत- हवाई यात्रियों को विदेश जाने-आने पर ज्यादा ढीली करनी पड़ रही हैं जेब


मुंबई । कोरोनाकाल में भारत सरकार ने हिन्दुस्तानियों की विदेश आवाजाही के लिए वंदे भारत मिशन शुरू किया है। जो लोग भारत आना चाहते हैं या फिर यहां से विदेश जाना चाहते हैं, उनके लिए एयर इंडिया की विशेष अंतरराष्ट्रीय सेवा जारी है। यह बड़ी राहत की बात है, लेकिन इसके लिए लोगों को जेबें थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ रही है। कई यात्री सरकार से ज्यादा उड़ानों की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार को विदेशी एयरलाइंस कंपनियों को भी भारत आने-जाने की अनुमति देनी चाहिए। दरअसल, यात्रियों को लगता है कि ज्यादा उड़ानें होने से टिकट की कीमत भी घटेगी। अभी वंदे भारत अभियान के तहत दिल्ली से ह्यूस्टन का किराया 1.03 लाख रुपये तय है जो सामान्य दिनों के किराए से दोगुना है। इसी तरह, दिल्ली-टोरंटो और दिल्ली-वैंकुवर के टिकट की कीमत 1.07 लाख रुपये वसूली जा रही है। एक ट्रैवल एजेंसी के बड़े अधिकारी ने बताया, 'वंदे भारत के तहत अमेरिका और इंग्लैंड के लिए इकॉनमी क्लास का शुरुआती किराया 50 प्रतिशत ज्यादा था। सीटें तेजी से बुक होने लगीं तो दाम आसमान छूने लगे। लोगों के पास कोई विकल्प भी नहीं है। यह शुद्ध रूप से बिजनेस है, कोई महान कार्य नहीं।' उन्होंने बताया कि मध्य पूर्व के देशों के लिए किराया ठीक-ठाक है। यात्रियों की एक और शिकायत है- एयर इंडिया की वेबसाइट में समस्या आने की। उस अधिकारी ने कहा, 'हमें हर दिन एयर इंडिया की वेबसाइट में समस्याओं की शिकायत मिलती है। अब दिक्कत यह है कि एयर इंडिया सारी टिकट खुद ही बेचती है, हम उसका एक भी टिकट नहीं बेच सकते।'
एक झल्लाए यात्री ने ट्वीट कर गुस्सा निकाला। उसने कहा कि एयर इंडिया को 9 गुना तक किराया देना पड़ सकता है। उसकी वेबसाइट पर टिकट बुक करने पर कई बार पैसा कट जाएगा, लेकिन ट्रांजेक्शन फेल्योर का मेसेज मिलता रहेगा। बहरहाल, एयर इंडिया ने इन समस्याओं से जुड़े सवालों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल में ट्वीट कर जानकारी दी कि 6 मई से करीब 350 वंदे भारत फ्लाइट के जरिए 65 हजार भारतीयों ने यात्रा की है। उन्होंने पहले के एक ट्वीट के जरिए एयर इंडिया के बढ़े किराए का यह कहते हुए बचाव किया था कि स्पेशल चार्टर के लिए तो ज्यादा किराया देना ही पड़ता है। उन्होंने दूतावासों की तरफ से स्पेशल चार्टर प्लेन के किराए का जिक्र किया। पुरी ने बताया कि दिल्ली-ह्यूस्टन चार्टर फ्लाइट के लिए 3 लाख रुपये लिए गए जो एयर इंडिया की टिकट प्राइस से बहुत ज्यादा है। 
 

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