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 रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष ने दोहराया, जितनी ट्रेनों की आवश्‍यकता होगी, 24 घंटे में होगी उपलब्‍ध

 रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष ने दोहराया, जितनी ट्रेनों की आवश्‍यकता होगी, 24 घंटे में होगी उपलब्‍ध

नई दिल्ली। भारतीय रेल राज्यों के अनुरोध पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से प्रवासियों को आरामदायक और सुरक्षित आवागमन उपलब्‍ध कराना जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। अब तक लगभग 60 लाख लोगों को उनके गंतव्‍य राज्‍यों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेल द्वारा 4347 से ज्‍यादा श्रमिक स्‍पेशल ट्रेने चलाई जा चुकी हैं। श्रमिक ट्रेनें 1 मई, 2020 से चलाई जा रही हैं। भारतीय रेल ने राज्‍य सरकारों को सूचित किया है कि उसकी ओर से राज्‍यों से अनुरोध प्राप्‍त होने पर 24 घंटे के भीतर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को उपलब्‍ध कराना जारी रहेगा। रेल मंत्रालय ने राज्‍य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संबंध में अपनी आवश्‍यकता की जानकारी दें और देखें कि बचे हुए लोगों के रेलगाड़ी के माध्‍यम से आवागमन के प्रस्‍तावित अनुरोध की रूपरेखा अच्‍छे से तैयार और निर्धारित की गई हो। 
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने इस विषय पर 29 मई और 3 जून को राज्यों को पत्र लिखे और इस बात पर जोर दिया कि "अनुरोध प्राप्‍त होने के 24 घंटों के भीतर भारतीय रेल की ओर से वांछित संख्‍या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें उपलब्‍ध कराई जाएंगी"। आज राज्यों के प्रधान सचिवों को भी एक पत्र भेजा गया है जिसमें इसी बात पर जोर दिया है। भारतीय रेल ने भविष्य में भी आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त श्रमिक स्पेशल ट्रेन उपलब्‍ध कराने का आश्वासन दिया है। पूर्वानुमानों के अलावा किसी भी अतिरिक्त मांग की कम से कम समय में पूर्ति की जाएगी। उच्‍चतम न्यायालय ने 28 मई, 2020 के अपने आदेश में, इच्‍छुक प्रवासी श्रमिकों की उनके मूल स्थानों पर वापसी के संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं। भारतीय रेल इस आदेश के अनुपालन के लिए सभी प्रकार के आवश्‍यक कदम उठा रही है।
 

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