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 चीनी सेना के पीछे हटने के बाद अब  ड्रैगन के कदम वापस खींचने की बारी

 चीनी सेना के पीछे हटने के बाद अब  ड्रैगन के कदम वापस खींचने की बारी

नई दिल्ली । पूर्वी लद्दाख में महीनेभर से भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव में कुछ कमी आई है। चीनी सेना ने कुछ इलाकों से अपने कदम पीछे खींचे हैं। हालांकि, भारतीय सेना भी कुछ दूरी तक वापस आई है। सूत्रों के अनुसार, पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्र से चीन की सेना डेढ़ किलोमीटर पर वापस लौट गई है। 
चीनी सेना गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों से पीछे हटी है, लेकिन पैंगोंग में अभी भी मोर्चे पर डटी हुई है। उस क्षेत्र से अपने कदम वापस नहीं लिए हैं। चीन की सेना का सामना करने के लिए भारतीय सेना ने भी पैंगोंग में मोर्चे बंदी कर रखी है। दोनों ही सेनाएं आमने-सामने हैं। सेनाएं पैंसो, दौलत बेग ओल्डी, डेमचोक जैसे क्षेत्रों में तो अपने मोर्चे पर डटी हैं और अगले कुछ दिनों में टकराव का समाधान खोजने के लिए कई दौर की बातचीत होंगी। ऐसे में अब इन क्षेत्रों पर सभी की नजरें टिक गई हैं कि चीनी सेना कब अपने कदम पीछे खींचती है। हालांकि, कई क्षेत्रों से चीनी सेनाओं के पीछे हटने पर रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। सूत्रों का कहना है कि दोनों सेनाओं ने सैनिकों के अलावा इन तीन इलाकों से कुछ अस्थायी ढांचा वहां से हटाया है। चीनी सेना ने कुछ तंबू भी वहां से हटाए हैं। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने इसे सकारात्मक घटनाक्रम बताया है। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखने और बातचीत के जरिये गतिरोध को सुलझाने पर सहमत हैं।
दोनों देशों के बीच तनाव को और कम करने के लिए बुधवार को दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत होगी। इस बातचीत से उम्मीद की जा रही है कि कुछ और सकारात्मक नतीजे निकलेंगे। बातचीत से ठीक पहले चीन की सेनाओं के पीछे हटने को सकारात्मक कदम माना जा रहा है। भारतीय और चीनी सैनिकों में पैंगोंग सो इलाके में पांच मई को हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद से दोनों पक्ष वहां आमने-सामने थे और गतिरोध बरकरार था। यह 2017 के डोकलाम घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सैन्य गतिरोध बन रहा था। छह जून को हुई थी वार्ता दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को लेकर अब तक की उच्च स्तरीय वार्ता छह जून को हुई थी।
 

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