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 स्पेशल ट्रेनों में मुसाफिरों ने रेलवे पेंट्री के ताजे खाने की लगाई गुहार

 स्पेशल ट्रेनों में मुसाफिरों ने रेलवे पेंट्री के ताजे खाने की लगाई गुहार

नई दिल्ली । कोरोनाकाल में संक्रमण की रोकथाम के लिए देश में जारी लॉकडाउन के बीच शुरू की गई स्पेशल रेलगाड़ियों में सफर करने वाले मुसाफिरों को अब ताजा बने खाने की तलब लगने लगी हैं। उनका कहना है कि कप्पा नूडल्स, इंस्टेंट पोहा या उपमा आदि एक बार खाया जा सकता है। दो-तीन दिनों की यात्रा इस तरह का खाना खा कर नहीं किया जा सकता। लेकिन इन गाड़ियों के ठेकेदार इस तरह का खाना नहीं दे सकते क्योंकि रेलवे बोर्ड ने इस समय ट्रेन में कूक्ड फूड सर्व करने से मना किया है। इसलिए उन्हें रेडी टू सर्व खाना जैसे कप्पा नूडल्स, पोहा, उपमा, दाल-चावल, वेज बिरयानी आदि परोसा जा रहा है।
हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस स्पेशल से मंगलवार को दिल्ली पहुंचे एक यात्री का कहना है कि लगातार तीन टाइम कोई कैसे इस तरह का खाना खा सकता है। उनका कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तो 8 जून से रेस्टोरेंट-ढाबा भी खोल दिया। ऐसे में रेलगाड़ियों में कूक्ड फूड देने में रेलवे बोर्ड को क्या आपत्ति है। उनकी शिकायत है कि कप्पा नूडल्स हो या रेडी टू सर्व बिरयानी, पोहा, उपमा, सबमें नमक और मसाला बहुत ज्यादा होता है। यह स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। इसके उलट राजधानी एक्सप्रेस के खाना में संतुलित तरीके से नमक-मसाले का उपयोग होता है। इन दिनों चल रही राजधानी स्पेशल ट्रेन में ड्यूटी करने वाले एक मैनेजर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि यदि कोई ओवरनाइट ट्रेन हो तो दिक्कत नहीं है। दिल्ली से पटना जाने वाली राजधानी स्पेशल में तो कोई पूछता भी नहीं है कि क्या खाना है, क्या नहीं। लेकिन जब बात डिब्रूगढ़ राजधानी स्पेशल की हो या दिल्ली से तमिलनाडु, कर्नाटक या केरल जाने वाली स्पेशल ट्रेन की बात हो तो उसमें यात्री पहले जैसे खाने की मांग करते हैं।
स्पेशल ट्रेन में वेटर का काम करने वाले मुरारी (बदला हुआ नाम) का कहना है कि रेडी टू इट फूड सर्व करने में ज्यादा समय लगता है। स्लीपर कोच या एसी थ्री के एक कूपे में 8 यात्रियों की बुकिंग होती है और उसमें हर कोई कप्पा नूडल्स तो खाएगा नहीं। कोई उपमा मांगता है कोई पोहा तो कोई कुछ और। ऐसे में सबके आर्डर पर पैक खोल कर गर्म पानी डाल कर फूड तैयार करने में समय लगता है। ऐसे में दूसरे कूपे से यात्री शोर करने लगते हैं कि जल्दी लेकर आओ, भूख बढ़ रही है। उनका कहना है कि जैसे पहले वाला कूक्ड फूड होता था, उसमें आसानी थी। भोजन का पैकेट पेंट्री से लाकर डिब्बे के ही हॉट केस में गर्म करते थे और उसे प्लेट में सजा कर 10 मिनट में पूरे डिब्बे में सर्व कर देते थे। 
 

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