
2014 लोकसभा चुनाव की तर्ज पर राजस्थान में क्लीन स्वीप के लिए बीजेपी जोर-शोर से सूबे में प्रचार अभियान में जुटी है। दरअसल, विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी का पूरा फोकस राजस्थान पर है। पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन फिर से 2019 में दोहराना चाहती है। इसके लिए पार्टी यहां हर वर्ग को साधने में जुटी है। इसी क्रम में गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला अपने बेटे विजय बैंसला के साथ बुधवार को बीजेपी में शामिल हुए। हालांकि रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी की वरिष्ठ नेता और सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बैंसला के पार्टी में शामिल होने को लेकर नाराज हैं। दरअसल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों में हुई हार के बाद पार्टी ने तीनों राज्यों में अपनी रणनीति में बदलाव किया है। तीनों ही राज्यों में पार्टी अब हर वर्ग को साधने में जुटी हुई है।
इसी क्रम में पिछले दिनों मारवाड़ इलाके में असर रखने वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया था। केंद्रीय मंत्री और राजस्थान के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर की मौजूदगी में आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल एनडीए (नैशनल डेमोक्रैटिक एलायंस) में शामिल होने का ऐलान किया था। इसके बाद से ही यह अटकलें भी तेज हो गई थीं कि बैंसला भी जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते है। राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी मारवाड़ इलाके के नागौर,बाड़मेर,जोधपुर,जालोर,पाली और सीकर जिलों में आरएलपी का जनाधार माना जाता है। इस बेल्ट की कई सीटों पर जाट मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। यही वजह है कि बेनीवाल के आने से बीजेपी को इस क्षेत्र की लोकसभा सीटों पर लाभ मिल सकता है।