
लंदन । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप से परेशान दुनिया के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। डॉक्टरों को कोरोना वायरस महामारी के उपचार के लिए एक प्रभावी दवा की जानकारी मिली है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह एक पुरानी और सस्ती दवा है, जो कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार काफी लोगों की जान बचाने में सफल हुई है। इस दवा का नाम है डेक्सामेथासन।
मालूम हो कि दुनिया के सबसे बड़े ट्रायल में डेक्सामेथासन दवा को शामिल किया गया था। रिसर्चर्स का अनुमान है कि अगर ब्रिटेन में ये दवा पहले से उपलब्ध होती तो कोरोना से 5000 लोगों की जान बचाई जा सकती थी, क्योंकि ये दवा सस्ती भी है। एक ग्रुप में 20 कोरोना वायरस मरीजों को डेक्सामेथासन दवा दी गई थी। इनमें से 19 को हॉस्पिटल आने की जरूरत नहीं पड़ी और वे ठीक हो गए। वहीं, हॉस्पिटल में भर्ती हाई रिस्क मरीजों को भी इससे लाभ हुआ। कई और बीमारियों के दौरान पहले से इस दवा का इस्तेमाल इन्फ्लैमेशन घटाने के लिए किया जाता है। ट्रायल के दौरान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की टीम ने हॉस्पिटल में भर्ती करीब 2000 मरीजों को ये दवा दी थी। इन मरीजों की तुलना अन्य 4000 मरीजों से की गई जिन्हें ये दवा नहीं दी गई थी। वेंटिलेटर वाले मरीजों पर भी इस दवा का अच्छा असर हुआ। उनकी मौत का खतरा 40 फीसदी से घटकर 28 फीसदी हो गया। ऑक्सीजन सपोर्ट पर जो मरीज थे, उनमें मौत का खतरा 25 फीसदी से 20 फीसदी हो गया। प्रमुख जांचकर्ता प्रो. पीटर हॉर्बी ने कहा- अब तक सिर्फ यही वो दवा है जो मौत की दर घटाने में कामयाब हुई है। यह एक बड़ी सफलता है।
ब्रिटेन के एक्सपर्ट का कहना है कि ये एक बड़ी सफलता है। डेक्सामेथासन दवा की हल्की खुराक से ही कोरोना से लड़ने में मदद मिलती है। ट्रायल के दौरान पता चला कि वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों को ये दवा दिए जाने पर मौत का खतरा एक तिहाई घट गया। जबकि ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने वाले मरीजों को इस दवा से अधिक फायदा होता है। जिन मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की जरूरत होती है, उनमें इस दवा के इस्तेमाल से मौत का खतरा 1/5 घट जाता है।