
लंदन । कोरोना के असरदार इलाज की लगातार कोशिशें चल रही हैं। वहीं दुनियाभर के 78 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। हाल ही में रिसर्च बता रही है कि कोरोना के म्यूटेशन से जो वायरस बना है, वहां उस वायरस के कई गुना खतरनाक है, जो चीन से फैला था। बताया जा रहा है कि वायरस में पाई जाने वाली कांटेदार संरचना, जो हमारे शरीर में प्रवेश करने में मदद करती है, वहां चार गुना से भी ज्यादा है। वैसे इससे पहले से ही वैज्ञानिक ये समझने की कोशिश कर रहे थे कि वायरस का असर दुनिया के कुछ देशों में कम, कहीं ज्यादा क्यों दिख रहा है। इसी बीच म्यूटेशन से बने इस वायरस के बारे में पता चल चुका था। ये भी देखा जा चुका था कि अमेरिका, इटली और स्पेन जैसे देशों में वायरस का यही स्ट्रेन फैला है।
अब म्यूटेशन से गुजरे वायरस का स्ट्रेन अलग करने में सफलता मिली है। इससे ये पता चल सका है कि क्यों इसका संक्रमण और तेजी से फैल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक नए वायरस में जो कांटेदार संरचना ज्यादा होती है, उसके जरिए वहां शरीर में और आसानी से घुस जाता है। बता दें कि कोरोना असल में स्पाइक यानी नुकीली संरचना वाला होता है। ये एक तरह का प्रोटीन होता है जो हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाए जाने वाले प्रोटीन से काफी अच्छे से जुड़ पाता है। दूसरे वायरसों की बजाए कोरोना की यह कांटेदार संरचना ही उसे हमारे लिए ज्यादा घातक बना चुकी है। इसी लाइन को लेकर दुनिया के तमाम वैज्ञानिक जुटे हुए हैं कैसे वायरस और शरीर में उपस्थित कोशिका के इस बॉन्ड को कमजोर किया जाए।