
वॉशिंगटन । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन की किताब ने राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले अमेरिकी राजनीति में तूफान ला दिया है। बोल्टन ने अपनी किताब में दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में दोबारा जीतने के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति से मदद मांगी थी। बोल्टन के इस दावे के बाद अब ट्रंप भड़क गए हैं और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को 'अक्षम' करार दिया है। कोरोना वायरस और साउथ चाइना सी को लेकर चीन के खिलाफ मोर्चा खोले डोनाल्ड ट्रंप ने बोल्टन की किताब को झूठ और फेक स्टोरी का पुलिंदा करार दिया है। ट्रंप ने कहा कि जॉन बोल्टन की उबाऊ किताब झूठ और फर्जी कहानियों से भरी हुई है। जब तक मैंने बोल्टन को निकाला नहीं था, तब तक वह मेरे बारे में अच्छा कहते रहे थे। वह एक असंतुष्ट उबाऊ मूर्ख हैं जो केवल युद्ध करना चाहते हैं। राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने भी उन्हें निकाल दिया था।
इससे पहले बोल्टन ने दावा किया था कि ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में दोबारा जीतने के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन में चीन के अपने समकक्ष शी चिनफिंग से मदद मांगी थी। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय वाइट ह्वाइट हाउस ने कहा है कि बोल्टन की आगामी किताब में ‘गोपनीय सूचनाएं’ हैं और न्याय विभाग ने इस किताब के प्रकाशन पर अस्थायी रोक लगाने की मांग की है।
‘द रूम वेयर इट हैपन्ड : अ वाइट हाउस मेमोयर’ नाम की इस किताब के अंश स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। इस किताब के 23 जून से दुकानों में मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रपति ने पिछले साल बोल्टन को बर्खास्त कर दिया था। वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मैकनैनी ने पत्रकारों से कहा, इस किताब में कई गोपनीय सूचनाएं हैं जो अक्षम्य है। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को भी यह समझना चाहिए कि ऐसी किताब में अमेरिका की सरकार की अत्यधिक गोपनीय सूचनाएं होना अस्वीकार्य है। यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। इसकी समीक्षा नहीं की गई है।