
इस्लामाबाद । पाकिस्तान में कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्मार्ट लॉकडाउन के नाम पर अपनी तारीफ करने वाले इमरान खान को करारा झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने कहा है कि दुनिया भर की स्थानीय सरकारें वर्तमान कोविड -19 संकट के मामले में सबसे आगे आकर काम कर रही थीं, लेकिन पाकिस्तान में ये संस्थान एक हद तक अपने नागरिकों से कटे हुए थे। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के करीब दो लाख मामले सामने आए हैं और 3600 लोगों की मौत हो गई है। यूएनडीपी ने कहा कि शासन शैली ऊपर से नीचे की ओर प्रतिक्रियाशील और आधिकारिक हैं। पाकिस्तान में महामारी को रोकने पर्याप्त प्रयासों के बावजूद परिणाम खराब रहे हैं। ट्रेडर्स और बिजनेसमैन, संघीय सरकार के एकतरफा फैसलों से असंतुष्ट हैं क्योंकि इससे उनका कारोबार खासा प्रभावित हुआ है। यह भी कहा गया कि चिकित्सा स्वास्थ्य पेशेवरों को पीपीई किट की अनुपलब्धता और परीक्षण ट्रैकिंग में एक कुशल प्रणाली की कमी, इसके प्रबंधन की खामियों को उजागर कर रहे हैं। आबादी का गरीब वर्ग चिंतित हैं क्योंकि उन्होंने अपनी आजीविका खो दी है। कई लोग दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं। एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि ऐसा माना जाता है कि चुनी हुई स्थानीय सरकारों को सरकार और आबादी के बीच एक प्रभावी सेतु बनाना चाहिए था, ताकि वर्तमान स्थिति में नागरिकों को सरकारी फैसलों पर भरोसा न खोना पड़ता। हालांकि देश में एक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना है लेकिन इस महामारी ने बताया है कि स्थानीय सरकारों को जिला आपदा प्रबंधन जैसी मजबूत आपातकालीन प्रबंधन प्रणालियों की भी आवश्यकता है।