
मुंबई । भाभो का किरदार हो या फिर सत्या देवी का, दोनों ही किरदार ऐसी मां के हैं,जिसे नीलू वाघेला ने बहुत अच्छे से निभाया है। अब तीसरी बार फिर से एक मां के किरदार में नजर आ रही है। अपनी पहली शॉर्ट फिल्म में जिसका नाम है 'बेटा.. सुन तो..' यह शॉर्ट फिल्म नीलू वाघेला ने लॉकडाउन के दौरान घर पर मोबाइल से शूट की है। इस शॉर्ट फिल्म में ये दिखाया गया है कि कैसे एक मां अपने बेटे से कुछ कहना चाहती है, लेकिन जाने अनजाने बिजी होने के कारण बेटा उस अनदेखा कर देता है। अपनी शॉर्ट फिल्म के बारे में बात करते हुए नीलू वाघेला ने कहा, "पहले तो मैं इंटरेस्टेड ही नहीं थी, लेकिन फिर सोचा कि सिर्फ पांच मिनट की बात है और दो ही फोन कट है, तो लाओ कर लेते हैं। जब स्टोरी पढ़ी तो अच्छी लगी, बहुत अच्छा मैसेज भी है उसमें मां की लिए पांच मिनट तो निकाल ही लेना चाहिए। कुछ बातें ऐसी होती हैं जो मां अपने बेटे से कहना चाहती है तो कुछ वक्त निकालकर मां की बात सुन लेनी चाहिए।
यह शॉर्ट फिल्म नीलू वाघेला ने अपने मोबाइल से घर पर ही शूट की है। इसमें उनके बेटे ने उनकी मदद की है। नीलू ने अपनी शॉर्ट फिल्म की स्टोरी के बारे में बताया कि पहले तो मैंने फोन कट वाली स्क्रिप्ट अच्छे से पढ़ ली और फिर कोशिश की कि एक मां कहां बैठकर अपने बेटे से अच्छे से बात कर सकती है। फिर मेरे घर में जो-जो जगह मुझे लगी कि यहां उस सीन को फिल्माया जा सकता है जैसे पहले मैंने ड्राइंग रूम में एक सीन किया फिर एक सीन बेडरूम का है, जहां वो बार-बार आ जा रही है और अपने बेटे को फोन लगा रही है कुछ बताने के लिए। फिर लास्ट में थक हारकर बेडरूम में चली जाती है। मां अकेली ही रह रही है और बेटा काम के चलते कहीं और रह रहा है। मां ने एक सपना देखा हुआ है,वहां अपना सपना उस बताना चाहती है लेकिन बेटा बिजी है इसलिए वहां बता नहीं पा रही है, क्योंकि वो पांच मिनट अपनी मां को नहीं दे पा रहा है।