
जोड़े और कमर दर्द के उपचार के लिए एक बोगस डॉक्टर से एक महिला द्वारा लिया गया 800 रुपए का इंजेक्शन 80 हजार रुपये का पड़ा है, इस मामले में टिटवाला पुलिस ने 3 बोगस डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है जबकि मास्टर माइंड मुख्य आरोपी डॉक्टर फरार हो गया है जिसकी तलाश करने में टिटवाला पुलिस जुट गई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मुंबई से सटे उल्हासनगर के कैंप क्रमांक 4 निवासी बुजुर्ग महिला बेबी जोड़े एवं कमर दर्द से पीड़ित थी जिसका उसने कई जगह उपचार करवाया लेकिन दर्द से छुटकारा नहीं मिला। इसी बीच उसे जानकारी मिली कि उल्हासनगर के कैंप क्रमांक 5 स्थित पंचायत हॉल में एक मेडिकल कॅम्प शुरू है जहां इस मर्ज का उपचार किया जाता है। मिली जानकारी के आधार पर बेबी ने 20 दिसंबर 2018 को उक्त जगह जाकर अपनी तकलीफ बताई और उपचार के लिए कहा तो उस समय उपस्थित डॉक्टरों ने उससे 800 रुपये लेकर उसकी कमर में इंजेक्शन लगाया मगर कुछ दिन बाद बेबी को उक्त इंजेक्शन से और तकलीफ बढ़ गई और जहां इंजेक्शन लगाया था उस जगह बड़ी गांठ बन गई और उसका उपचार करने में उसे 80 हजार खर्च करने पड़े। इस घटना से दुखी मरीज बुजुर्ग महिला और उसका बेटा नीलेश उक्त डॉक्टर की तलाश में थे तभी बेटे नीलेश बोबडे को पता चला कि ऐसा ही एक कॅम्प टिटवाला में लगाया गया है। मिली जानकारी के बाद नीलेश उक्त जगह गया और टिटवाला पुलिस स्टेशन में शिकायत की। शिकायत के आधार पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मेडिकल कॅम्प चलाने वाले 3 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 3 आरोपी राहुल खान, फारुख रसिका और मोनू मुकुंद को गिरफ्तार कर लिया मगर इस मामले का मास्टर माइंड आरोपी फारुख हुसैन अभी भी फरार है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। टिटवाला पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालाजी पांढरे ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला है कि फारुख हुसैन राजस्थान का रहने वाला है गिरफ्तार आरोपियों के पास डॉक्टर का कोई प्रमाण पत्र नहीं है, यह बोगस डॉक्टर हैं और अलग-अलग जगह कॅम्प लगा कर कुछ पैसों की खातिर लोगों के जीवन से खिलवाड़ करते हैं।