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 संघर्ष के दिनों में यश के पास नहीं होते थे खाने के पैसे, भूखे रह कर गुजारनी पड़ीं कई रातें, 10 साल चला संघर्ष

 संघर्ष के दिनों में यश के पास नहीं होते थे खाने के पैसे, भूखे रह कर गुजारनी पड़ीं कई रातें, 10 साल चला संघर्ष

मुंबई । भोजपुरी सिनेमा इन दिनों बॉलीवुड को भी टक्कर देने की ओर बढ़ रहा है। वहीं इस इंडस्ट्री से जुड़े सितारों की फैन फॉलोइंग भी आसमान छू रही है। आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते भोजपुरी गाने तो आप अक्सर ही सुनते होंगे, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस इंडस्ट्री से जुड़े एक सुपरहिट एक्टर यश कुमार के संघर्ष की कहानी।
यश ने अपने संघर्ष की कहानी खुद एक इंटरव्यू के दौरान सुनाई थी। उन्होंने बताया था कि कैसे 10 सालों तक उनकी स्ट्रगल जारी रखा। यश, भोजपुरी सिनेमा में अपनी बोल्डनेस के लिए पहचानी जाने वाली अभिनेत्री अंजना सिंह के पति हैं। यह कपल इंडस्ट्री के सबसे सक्सेसफुल कपल के तौर पर पहचाना जाता है। इन दोनों ने शोहरत काफी संघर्षों के हासिल की है। यश 2002 में घर से निकले थे, वह यूपी के बलिया के रहने वाले हैं। लेकिन जब यश घर से निकले थे तब उन्होंने नहीं सोचा था कि मुंबई जाते ही उन्हें अपनी ही तरह कई लोग लाइन में खड़े मिलेंगे।
यश ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने 2002 से लेकर 2012 तक सिर्फ संघर्ष ही किया। उन्होंने कहा मैंने न जाने कितनी रातें बिना कुछ खाए-पिए गुजारी हैं। कई बार मंदिरों में खाना मिल जाता था और कई बार भूखे ही सोना पड़ता था। मुझे दो वक्त की रोटी भी ठीक से नसीब नहीं होती थी। एक वक्त ऐसा भी था जब वह सड़कों के किनारे खड़े होकर सीएफएल बल्ब बेचा करते थे ताकि कुछ कमाई हो सके। 2013 में उन्हें भोजपुरी फिल्म ‘दिलदार संवरिया’ मिली और इस फिल्म के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पहले उन्हें डर था कि वह खेसारी लाल यादव, पवन सिंह और निरहुआ जैसे भोजपुरी सुपरस्टार्स के आगे टिक पाएंगे या नहीं, लेकिन उनकी मेहनत ने उन्हें स्टार बना ही दिया। यश ने 'हीरो गमछे वाला', 'कसम पैदा करने वाले की', 'नागराज', 'सरगना कुशीनगर', रंगदारी टैक्स', 'एक रजाई तीन लुगाई', 'लुटेरे' जैसी भोजपुरी फिल्मों में यादगार काम किया और भोजपुरी सिनेमा में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
 

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