
न्यूयॉर्क । कोरोना के संबंध में एक बड़ा दावा करते हुए 32 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कहा कि वायरस के वायुजनित होने के सबूत मौजूद हैं,इसकारण एक छोटा कण भी लोगों को संक्रमित कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने अभी तक खांसने और छींकने को ही कोरोना फैलने का मुख्य कारण बताया है।एक रिपोर्ट के अनुसार लोगों के वापस बार, रेस्तरां, कार्यालयों, बाजार और कसिनो जाने से विश्व स्तर पर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और इस प्रवृत्ति की लगातार पुष्टि हुई है कि कोरोना का वायरस बंद जगहों पर ठहर कर आस-पास के लोगों को संक्रमित करता है। रिपोर्ट में कहा गया,32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ को लिखे खुले पत्र में लोगों को संक्रमित करने की छोटे कणों की भी क्षमता रेखांकित की और एजेंसी से अपने सुझावों में बदलाव करने की अपील की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार यह कह रहा हैं कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से ही फैलता है, लेकिन 29 जून को एक अद्यतन रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि वायरस वायुजनित तभी हो सकता है, जब चिकित्सकीय प्रक्रिया के बाद ‘ऐरोसॉल’ या ‘ड्रोपलेट’ पांच माइक्रोन से छोटे हैं। स्वास्थ्य एजेंसी ने खांसने और छींकने से संक्रमण फैलने के दावे को आधार बनाते हुए मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाने और हाथ धोते रहने जैसे सुझाव दिए हैं।