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पाक के रास्ते चीन की भारत को घेरने की रणनीति  

पाक के रास्ते चीन की भारत को घेरने की रणनीति  


चीन अब पाकिस्तान के रास्ते वह भी पाक के कब्जे वाले कश्मीर की भारत की घेराबंदी कर रहा है। पाकिस्तान की भारत से लगने वाली सीमा पर भारी संख्या में चीनी सैनिकों की मौजूदगी बढ़ती जा रही है। चीन भारत से लगी कश्मीर से गुजरात की सीमा पर एयरपोर्ट का जाल बिछा रहा है। चीनी सैनिकों के लिए भारतीय सीमा के पास दो चीनी एयरपोर्ट बन चुके हैं जबकि दो और एयरपोर्ट बन रहे हैं। चीन भारतीय सीमा के पास पाकिस्तान को बंकर बनाने में भी मदद कर रहा है।  
दरअसल चीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सीमा के पास हजारों करोड़ का निवेश कर चुका है जिसकी सुरक्षा के लिए चीनी आर्मी भी सक्रिय है। राजस्थान की जैसलमेर के घोटारु सीमा के ठीक सामने 25 किलोमीटर की दूरी पर कदनवाली के खेरपुर में चीन का एयरबेस तैयार हो चुका है। यहां पर चीनी सैनिकों की मौजूदगी कुछ महीनों में बढ़ी है। बड़ी बात है कि पाकिस्तान ने इस एयरबेस पर मिग-21 के समकक्ष चीन से मिले चेनगुड जे-7 फाइटर विमान, जे.एफ-17 फाइटर विमान, वाई-8 रडार और कई अत्याधुनिक संसाधन उतरते रहते हैं। इसी तरह बाड़मेर में मुनाबाव के सामने थारपारकर में भी चीनी सैनिक एयरपोर्ट बना रहे हैं। इसकी दूरी भी भारतीय सीमा से करीब 25 किलोमीटर है। यह एयरपोर्ट फिलहाल बन रहा है।चीनी सैनिक केवल राजस्थान सीमा पर ही नहीं बल्कि गुजरात से लगती सीमा पर भी एयरपोर्ट तैयार कर रहे हैं। गुजरात के सीमा के सामने 20 किलोमीटर दूर मिठी में एक एयरपोर्ट बन रहा है। इसी तरह चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर के नाम पर रेल पटरियां बिछाने की योजना है। जिस पर काम चल रहा है। हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि चीन की मदद से बने इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल चीन की तेल और गैस निकालने वाली कंपनियां करेंगी क्योंकि करांची एयरपोर्ट से इन्हें यहां तक पहुंचने में दिक्कतें आती थीं। लेकिन ये पाकिस्तान और चीन की चाल भी हो सकती है जिस पर कड़ी नजर रखनी होगी। 
जैसलमेर के सामने पाकिस्तान के पीरकमाल और चोलिस्तान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक देखे जाते रहे हैं। जो कि भारत के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं। वर्षों से वीरान पड़े रेगिस्तान में चीन की दिलचस्पी और सामरिक ठिकानों को बनाने की ये कोशिश भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए हैरान करने वाली है। कराची, जकोकाबाद, क्वेटा, रावलपिंडी, सरगोडा, पेशावर, मेननवाली और रिशालपुर जैसे एयरबेस को चीनी सैनिक अत्याधुनिक बना रहे हैं।  
चीन केवल सामरिक ठिकाने ही नहीं तैयार कर रहा है बल्कि वह बीकानेर से लेकर गुजरात की सीमा पर पाकिस्तान को पक्के बंकर बनाने में भी मदद कर रहा है। रेत के टीलों में पक्के बंकर का निर्माण भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए कान खड़े करने वाले हैं।अब तक 350 से ज्यादा बंकर चीनी मदद से पाकिस्तान तैयार कर चुका है।  
राजस्थान से पाकिस्तान की लगी 1025 किलोमीटर की सीमा पर चीन की 30 से ज्यादा कंपनियां तेल और गैस की खोज के अलावा कंस्ट्रक्शन के कामों में लगी हैं। भारत से लगी पाकिस्तान की सीमा पर चीन की बड़ी कंपनियों का कब्जा है। यहां तक कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का एक हिस्सा बॉर्डर के इलाके से ही गुजरता है जिस पर चीन करीब 100 बिलियन डॉलर खर्च कर रहा है। 
भारतीय रक्षा विशेषज्ञों का यह मानना है कि अब भारत को पाकिस्तान को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि चीन की पाक में बढ़ती मौजूदगी को ध्यान में रखकर अपनी सुरक्षा नीति बनाना होगी।  
(लेखक-सच्चिदानंद शेकटकर)

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