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 अपराधी अब अंधेरी गलियों में नहीं फेसबुक पर बनते हैं गैंग

 अपराधी अब अंधेरी गलियों में नहीं फेसबुक पर बनते हैं गैंग


नई दिल्ली । दिल्ली में अब अपराधी सोशल नेटवर्किंग साइट की मदद से गैंग खड़ी कर रहे हैं। यहां तक कि जेल में बंद अपराधी भी फेसबुक के जरिए अपराधियों को दोस्त बना रहे हैं और उनसे वारदात करा रहे हैं। फेसबुक पर बने दोस्तों ने हाल के दिनों में राजधानी के विभिन्न थाना क्षेत्रों में कई जघन्य अपराधों को अंजाम दिया है। पुलिस ने फेसबुक के जरिए इसके सबूत भी जमा किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक फेसबुक के सहारे दोस्ती कर दुष्कर्म, विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी और नकली प्रोफाइल बनाकर अश्लीलता फैलाने जैसे वारदात होते थे, लेकिन अब इसका प्रयोग बदल गया है। जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर भी फेसबुक पेज और अकाउंट संचालित कर युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। बीते तीन माह में एक दर्जन से अधिक ऐसे आपराधिक मामले आए हैं जिनमें शामिल बदमाशों ने फेसबुक के जरिए मित्रता कर अपना गिरोह बनाया था। रणहौला इलाके में पुलिस ने नौ जून को पेड़ से लटकी युवक की लाश बरामद की थी, जिसके हाथ पैर बंधे थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि मृतक व्यवसायी गौरव बंसल ने बीमा की राशि परिजनों को दिलाने के लिए खुद की हत्या की साजिश रच डाली थी। गौरव ने फेसबुक के जरिए मुंबई के रवि नाम के एक अपराधी से संपर्क साधकर उसे 90 हजार रुपये में खुद की हत्या की सुपारी दी थी। फिर मुंबई के अपराधी ने रणहौला निवासी फेसबुक दोस्त एक नाबालिग से संपर्क साधा। नाबालिग और उसके तीन दोस्तों ने इस वारदात को अंजाम दिया। नाबालिग करीब दो साल से रवि के संपर्क में फेसबुक के जरिए था।
 

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