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कोरोना वैज्ञानिक का दावा, स्पैनिश फ्लू से ज्यादा भयावह साबित हो सकता हैं कोरोना 

कोरोना वैज्ञानिक का दावा, स्पैनिश फ्लू से ज्यादा भयावह साबित हो सकता हैं कोरोना 

न्यूयार्क । कोरोना का प्रकोप सबसे अधिक अमेरिका में देखा गया। दुनिया के एक तिहाई लोग सिर्फ अमेरिका में ही संक्रिमत हैं। इसके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दावा है कि उनके देश में कोरोना को लेकर स्थिति कंट्रोल में है। जबकि बड़े कोरोना वैज्ञानिक डॉ.एंथनी फॉसी कई बार ट्रंप के दावे को झुठला चुके हैं। डॉ.फॉसी ने एक बार फिर बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना का प्रकोप 1918 में आए स्पैनिश फ्लू से भी ज्यादा खतरनाक रूप ले सकता है।स्पैनिश फ़्लू महामारी के चलते दुनिया भर में 5 से 10 करोड़ लोग मारे गए थे और डॉ फॉसी इस बात से चिंतित हैं कि इतिहास खुद को दोहरा सकता है। डॉ.फॉसी ने कहा कि स्पैनिश फ्लू दुनिया की सबसे भयावह महामारी थी। मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसी स्थिति कोरोना के साथ न आए, लेकिन कोरोना ने इसकी शुरुआत कर दी है।एक कार्यक्रम में डॉ.एंथनी फॉसी ने छात्रों से बात की और वायरस के खिलाफ लड़ाई की गंभीरता की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक गंभीर स्थिति है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण था कि युवा लोग समस्या का हिस्सा न बनें। बता दें स्पेनिश फ्लू महामारी ने पूरी दुनिया में 102 साल पहले दस्तक दी थी और उस वक्त पूरी दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी इससे प्रभावित हुई थी। अमेरिका में रोग नियंत्रण केंद्र के मुताबिक 1918 की महामारी सबसे खतरनाक थी। स्पेनिश फ्लू एच1 एन1 वायरस के कारण फैला था और अमेरिका में इस बीमारी से अनुमानत: छह लाख 75 हजार लोगों की मौत हुई थी।
 

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