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यूएनएससी रिपोर्ट खुलासा- समर्थकों के नेटवर्क के साथ मालदीव में पैर जमा रहा इस्लामिक स्टेट

यूएनएससी रिपोर्ट खुलासा- समर्थकों के नेटवर्क के साथ मालदीव में पैर जमा रहा इस्लामिक स्टेट

माले । इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों की बढ़ती सक्रियता दुनिया में चिंता का सबब बनती जा रही है। अप्रैल के महीने में मालदीव में सरकारी स्पीडबोट्स पर हुए हमले की जिम्मेदारी जब इस्लामिक स्टेट ने ली, तब से इस बात को लेकर देश और दुनिया में चिंता बढ़ गई थी कि कहीं यह आतंकी संगठन यहां पैर तो नहीं जमा रहा। अब संयुक्त राष्ट्र सिक्यॉरिटी काउंसिल (यूएनएससी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस्लामिक स्टेट मालदीव में समर्थकों के एक नेटवर्क के साथ काम कर रहा है। यूएनएससी की 1267वीं समिति की मॉनिटरिंग टीम ने हिंद महासागर के इस टापू देश में इस्लामिक स्टेट की भूमिका पर रोशनी डाली है। यह टीम वैश्विक आतंकियों की लिस्ट बनाकर अपनी रिपोर्ट परिषद के अध्यक्ष को देने के लिए जिम्मेदार है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'मॉनिटरिंग टीम को बताया गया कि आईएसआईएल-के मालदीव में समर्थकों के एक नेटवर्क के साथ काम करती है।' रिपोर्ट में कहा गया है, 'जानकारी के मुताबिक हमला कट्टरपंथियों और नशीले पदार्थों के व्यापार के खिलाफ सरकार की जांच के जवाब में था।' इसमें यह भी कहा गया है कि परिषद के देश मालदीव में होने वाले कट्टरवाद और इस्लामिक स्टेट में भर्ती को लेकर चिंतित हैं।
15 अप्रैल को पांच सरकारी स्पीडबोट्स पर हमला किया गया और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया गया। महिबधू में हुए इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली और यह भी कहा कि यह देश में पहला हमला है। इस हमले को दक्षिण एशिया के आईएस मीडिया ने खूब कवर किया। आईएस ने अपने न्यूजलेटर में इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के करीब 6,000-6,500 आतंकवादी पड़ोसी अफगानिस्तान में सक्रिय हैं। इनमें से अधिकतर आतंकियों के संबंध तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान से है। अफगानिस्तान में मौजूद सबसे बड़े आतंकवादी संगठन, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पाकिस्तान में कई हाई प्रोफाइल हमलों की जिम्मेदारी ली है। इसके अलावा इस आतंकी संगठन ने जमात-उल-अहरार और लश्कर-ए-इस्लाम द्वारा किए गए अन्य हमलों में मदद भी की है। 
यूएनएससी रिपोर्ट खुलासा- समर्थकों के नेटवर्क के साथ मालदीव में पैर जमा रहा इस्लामिक स्टेट
माले । इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों की बढ़ती सक्रियता दुनिया में चिंता का सबब बनती जा रही है। अप्रैल के महीने में मालदीव में सरकारी स्पीडबोट्स पर हुए हमले की जिम्मेदारी जब इस्लामिक स्टेट ने ली, तब से इस बात को लेकर देश और दुनिया में चिंता बढ़ गई थी कि कहीं यह आतंकी संगठन यहां पैर तो नहीं जमा रहा। अब संयुक्त राष्ट्र सिक्यॉरिटी काउंसिल (यूएनएससी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस्लामिक स्टेट मालदीव में समर्थकों के एक नेटवर्क के साथ काम कर रहा है। यूएनएससी की 1267वीं समिति की मॉनिटरिंग टीम ने हिंद महासागर के इस टापू देश में इस्लामिक स्टेट की भूमिका पर रोशनी डाली है। यह टीम वैश्विक आतंकियों की लिस्ट बनाकर अपनी रिपोर्ट परिषद के अध्यक्ष को देने के लिए जिम्मेदार है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'मॉनिटरिंग टीम को बताया गया कि आईएसआईएल-के मालदीव में समर्थकों के एक नेटवर्क के साथ काम करती है।' रिपोर्ट में कहा गया है, 'जानकारी के मुताबिक हमला कट्टरपंथियों और नशीले पदार्थों के व्यापार के खिलाफ सरकार की जांच के जवाब में था।' इसमें यह भी कहा गया है कि परिषद के देश मालदीव में होने वाले कट्टरवाद और इस्लामिक स्टेट में भर्ती को लेकर चिंतित हैं।
15 अप्रैल को पांच सरकारी स्पीडबोट्स पर हमला किया गया और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया गया। महिबधू में हुए इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली और यह भी कहा कि यह देश में पहला हमला है। इस हमले को दक्षिण एशिया के आईएस मीडिया ने खूब कवर किया। आईएस ने अपने न्यूजलेटर में इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के करीब 6,000-6,500 आतंकवादी पड़ोसी अफगानिस्तान में सक्रिय हैं। इनमें से अधिकतर आतंकियों के संबंध तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान से है। अफगानिस्तान में मौजूद सबसे बड़े आतंकवादी संगठन, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पाकिस्तान में कई हाई प्रोफाइल हमलों की जिम्मेदारी ली है। इसके अलावा इस आतंकी संगठन ने जमात-उल-अहरार और लश्कर-ए-इस्लाम द्वारा किए गए अन्य हमलों में मदद भी की है। 
 

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