
लंदन । रूस ने लॉन्च की ऐंटी-सैटालाइट मिसाइल को लॉन्च किया है। ब्रिटेन को इस मिसाइल के संभावित खतरे से भय है। रूस कहीं ब्रिटेन पर स्पेस से हमला न कर दे। इसके बाद कॉमन डिफेंस कमेटी के चेयरमैन टोबियस एलवुड ने चेतावनी दी है कि अगर रूस को स्पेस में हथियार बनाने की इजाजत मिलती है तो जीपीएस सिस्टम्स को खतरा हो सकता है। अमेरिकी सेना के स्पेस कमान ने बताया था कि अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे रूस के सैटलाइट कॉसमॉस 2542 पर 15 जुलाई को उसके अपने ही सैटलाइट कॉसमॉस 2543 ने मिसाइल हमला किया है।
एलवुड ने सरकार से ऐसे खतरे से बचाने के लिए कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने चिंता जताई है कि इससे कम्यूनिकेशन और नैविगेशन सिस्टम्स हमले का शिकार हो सकते हैं। एलवुड ने बताया है, 'हमारी जिंदगी का हर पहलू जीपीएस पर निर्भर है। पेमेंट सिस्टम, कृषि, मशीनरी, मॉडर्न इंडस्ट्रीज और डिफेंस। जीपीएस में नुकसान से नैविगेशन ठप हो जाएगा।' चिंता जताई जा रही है कि इस हथियार से पश्चिमी सैटलाइट्स को नुकसान हो सकता है। एलवुड ने सरकार से सिक्यॉरिटी, डिफेंस, डिवेलपमेंट और पॉलिसी को जल्द रिव्यू करना चाहिए। इस रिव्यू में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति की रणनीति पर चर्चा होनी है। उधर, रूस के विदेश मंत्रालय ने अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है कि इस लॉन्च से पश्चिम को डरना चाहिए। यहां तक कि रूस ने इस बात का आरोप भी लगाया है कि अमेरिका एक शांतिपूर्ण स्पेस कैंपेन के खिलाफ अभियान चला रहा है।
अमेरिकी खुफिया विशेषज्ञ रूस के जोड़े उपग्रह कॉसमॉस 2542 और 2543 पर कई महीने से नजर बनाए हुए हैं। वह तब से नजर बनाए हुए हैं जब यह केवल एक उपग्रह था और इसे सोयूज रॉकेट की मदद से 26 नवंबर 2019 को अंतरिक्ष में छोड़ा गया था। सैटलाइट लॉन्च होने के 11 दिन बाद दो भागों में बंट गया और एक नए सैटलाइट को जन्म दिया। वहीं, 15 जुलाई को रूस के अंतरिक्ष में जन्म लेने वाले वाले उपग्रह कॉसमॉस 2543 ने अंतरिक्ष के बाहरी इलाके में एक मिसाइल से हमला किया। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका और उसके सहयोगियों के अंतरिक्ष में मौजूद उपग्रहों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐसा पहली बार है जब अमेरिकी सेना ने रूस पर अंतरिक्ष में एंटी सैटलाइट वेपन के परीक्षण का आरोप लगाया है।