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 उइगर नजरबंदी शिविरों में हो सकता है कोरोना संक्रमण का विस्फोट, सच छिपा रहा चीन 

 उइगर नजरबंदी शिविरों में हो सकता है कोरोना संक्रमण का विस्फोट, सच छिपा रहा चीन 

पेइचिंग । जानलेवा कोरोना वायरस को पूरी दुनिया में फैलाकर चीन अब भी इससे उबर नहीं पाया है अब खबर आ रही है कि शिनजियांग प्रांत में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों से एक बड़ी आशंका इस बात की पैदा हो गई है कि वहां चल रहे नजरबंदी शिविरों में लाखों संक्रमित केस हो सकते हैं। इन शिविरों में उइगर मुस्लिमों को रखा जाता है जिन्हें चीन वोकेशनल एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स बताता है। विशेषज्ञों का दावा है कि चीन इससे जुड़ी जानकारी छिपा भी सकता है। यहां अब तक 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि उत्तर-पश्चिम चीन में 200 से ज्यादा कोरोना केस सामने आए हैं। ऑस्ट्रेलिया की जेम्स कुक यूनिवर्सिटी में राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की सीनियर लेक्चरर डॉ. ऐना हेज ने एक अखबार को बताया है कि चीन की अपार्दर्शिता की वजह से इस प्रांत में इन्फेक्शन का फैलना सामने आए ही न। उन्होंने कहा है, 'मुझे शक है कि हमें इसके बारे में कभी पता ही नहीं चलेगा। अगर कम्यूनिटी ट्रांसमिशन अब तक नहीं हुआ है तो जल्द ही हो भी सकता है।'
दूसरी ओर वर्ल्ड उइगर कांग्रेस के अध्यक्ष डोल्कन ईसा ने द टेलिग्राफ को बताया है कि डिटेंशन कैंप में रहने वाले लोगों को जिस बर्ताव और जिन यातनाओं को झेलना पड़ता है, उससे उन्हें वायरस का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। उन्होंने दावा किया है कि इन कैंप्स में पहले ही मेडिकल अनदेखी की वजह से उइगरों की मौत हो जाती है और अगर यहां वायरस फैल गया तो यह मानवीय आपदा होगी। शिनजियांग का राजधानी उरमकी में पहला केस 16 जुलाई को सामने आया था। क्षेत्र में जितने केस सामने आए हैं उनमें से ज्यादातर अल्पसंख्यकों के हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बुधवार को बताया कि एक दिन में संक्रमण के 101 पुष्ट मामलों में से 98 मामले स्थानीय स्तर पर संक्रमण के हैं, वहीं तीन मामले विदेशी लोगों से जुड़े है। 98 मामलों में से 89 मामले शिंजियांग उइगर स्वायत्तशासी क्षेत्र से हैं। 
 

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