
वाशिंगटन । कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन को हासिल करने के लिए विभिन्न देशों के बीच इसे हासिल करने की रेस शुरु हो गई है। अमेरिका ने जहां लगभग हर प्रमुख वैक्सीन की डोज सिक्योर कर ली है तो बाकी अमीर देश भी इसी कोशिश में लगे हैं। यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, इजरायल ने कई दवा कंपनियों से वैक्सीन की डोज का सौदा किया है। हाल ही में जापान ने फाइजर इनकारपोरेटेड और बायोएनटेक एसई से उनकी वैक्सीन की सप्लाई की डील की है। दोनों कंपनियों को उम्मीद है कि उनकी वैक्सीन अक्टूबर तक रेगुलेटरी अप्रूवल के लिए चली जाएगी। देश की पहले कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्सीन का ट्रायल उत्तर प्रदेश में शुरू हो गया है। कानपुर के राणा हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में कुल नौ वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी गई, उनकी हालत ठीक बताई जा रही है। कोवैक्सिन के ट्रायल के लिए लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है और वे वॉलंटियर बनने के लिए भारी संख्या में रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। यह वैक्सीन भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी ने मिलकर बनाई है।
अमेरिकन कंपनी माडर्ना थेरेप्यूटिक्स ने जो एमआरएनए-1273 वैक्सीन बनाई है, उसका 30 हजार लोगों पर ट्रायल चल रहा है। शुरुआती नतीजों में यह वैक्सीन एंटीबॉडीज डेवलप करने और टी-कोशिकाओं से रिएक्शन लेने में कामयाम रही है। मॉडर्ना का कहना है कि वह 2021 की शुरुआत से हर साल वैक्सीन की 500 मिलियन डोज डिलिवर करने की तैयारी में है। उसने मैनुफैक्चरिंग के लिए स्विस कंपनी लोन्जा से डील की है। अमेरिका की फाइजर और जर्मनी की आयोएनटेक ने मिलकर जो एमआरएनए वैक्सीन बनाई है, उसके ग्राहकों की कमी नहीं है।
27 जुलाई से इस वैक्सीन का कम्बाइंड फेज 2-3 ट्रायल शुरू हो चुका है। अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना और जर्मनी में 30 हजार लोगों पर ट्रायल चल रहा है। कंपनी अक्टूबर तक रेगुलेटरी अप्रूवल लेने की तैयारी में है ताकि दिसंबर तक वैक्सीन लॉन्च करने का टारगेट पूरा हो सके। कंपनी 2021 के आखिर तक 1.3 बिलियन डोज सप्लाई करने की उम्मीद लगाए है। टेस्टिंग से लेकर ट्रायल में आगे रही ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और आस्ट्राजेनिका की वैक्सीन सीएचएडीओक्स1 एनसीओवी-19 के नतीजे अच्छे रहे हैं। सिरदर्द, थकान जैसे कुछ साइड इफेक्ट्स रहे मगर बाकी सब ठीक रहा। फिलहाल ब्राजील, ब्रिटेन, अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में 50 हजार वॉलंटियर्स पर वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल चल रहा है। चीन की सिनोफार्मा और सिनोवैक ने जो वैक्सीन बनाई हैं, वे फेज 3 ट्रायल से गुजर रही हैं। दोनों वैक्सीन के निर्माताओं ने शुरुआती ट्रायल में वैक्सीन के असरदार होने का दावा किया था। सिनोफारामा का ट्रायल यूएई में हो रहा है जहां करीब 200 अलग-अलग देशों के लोग रहते हैं यानी टेस्टिंग के लिए वह बहुत अच्छी जगह है।